जब सुदर्शन न्यूज ने UPSC जिहाद का मुद्दा उठाया तो तमाम लोग हमारे खिलाफ खड़े हो गए थे तथा कोर्ट से UPSC जिहाद सीरीज पर रोक लगवा दी थी. हाल ही में जब सीनियर IAS इफ्तिखारुद्दीन का मामला सामने आया तो सुदर्शन न्यूज का UPSC जिहाद का दावा पूरी तरह से सच साबित हो गया. SIT इस मामले की जांच कर रही है.
लेकिन जिहाद सिर्फ यहीं तक नहीं रुकता है बल्कि जिहाद के कई रूप सामने आते रहते हैं. लव जिहाद, लैंड जिहाद, नार्को जिहाद, धर्मांतरण जिहाद, UPSC जिहाद के बाद अब एक नया जिहाद सामने आया है तथा इस जिहाद का नाम है मार्क्स जिहाद. मार्क्स जिहाद कहीं और नहीं बल्कि देश की सबसे प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी में लागू किया जा रहा है. ये दावा किसी और ने नहीं बल्कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही एसोसिएट प्रोफेसर राकेश पाण्डेय ने किया है.
DU से संबद्ध किरोड़ीमल कॉलेज के भौतिकी के प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय ने हाल ही
में अपनी फेसबुक पर केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मार्क्स जिहाद की एक
पोस्ट की है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केरल के शिक्षा बोर्ड ने छात्रों
को सौ फीसदी अंक दे डाले हैं.
राकेश कुमार पांडेय ने अपनी पोस्ट में उदाहरण दिया कि इसी आधार पर एक कॉलेज के एक
कोर्स की 20 सीटों पर 26 दाखिले हो गए. यह दाखिले इसलिए हुए क्योंकि यह
केरल बोर्ड के थे, और सभी के अंक सौ फीसदी थे. इसके बाद अपनी पोस्ट में
उन्होंने लिखा है कि बीते कुछ सालों से केरल बोर्ड
मार्क्स जिहाद लागू कर रहा है.
प्रोफेसर राकेश पांडे के मार्क्स जिहाद के दावे के बाद कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI तथा वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को कॉलेज कैंपस में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), नेशनल
स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA)
ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं ABVP प्रोफेसर पांडेय के समर्थन में उतर आया है. ABVP की डीयू स्टूडेंट्स यूनियन ने डीयू प्रशासन का पुतला फूंका. यूनियन का कहना था
कि वे बोर्ड की तरफ से बढ़ाई हुई मार्किंग दाखिले में असमानता तैयार कर
रही है.
विवाद होने के बाद भी प्रोफेसर पांडेय अपने बयान पर कायम हैं. पूरे विवाद पर प्रोफेसर पांडेय ने कहा, ‘लव जिहाद से हमारा क्या मतलब है?
इसका मतलब है जब आप धर्म के प्रचार के लिए प्यार का दुरुपयोग करने लगते
हैं. यह मार्क्स जिहाद वह है, जब आप वामपंथी विचारधारा फैलाने के लिए अंकों
का दुरुपयोग करते हैं. मेरे लिए वामपंथी और जिहादी एक जैसे ही हैं. मैं
इनके बीच अंतर नहीं करता. जिहाद सिर्फ धर्म नहीं बल्कि इसका अधिक व्यापक
अर्थ है, जो इसमें फिट बैठता है.’
राकेश पांडेय ने कहा कि कुछ छात्र वास्तव में 100 फीसदी अंक हासिल करते हैं
लेकिन मुझे कुछ आशंकाएं हैं, हो सकता है कि कुछ समूह केरल शिक्षा बोर्ड की
सलाह से वामपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने में शामिल हों. राकेश पांडेय ने कहा कि उन्होंने कोई गलत पोस्ट नहीं किया बल्कि ये
एक सच्चाई है, उन्होंने किसी धर्म से जोड़कर नहीं बल्कि विचारधारा से जोड़कर
ये बात लिखी है. जिहाद से बेहतर कोई शब्द इसके लिए नहीं हो सकता, एक मकसद
के तहत आइडियोलॉजी के प्रोपगंडा के लिए केरल बोर्ड स्टूडेंट्स को 100
परसेंट मार्क दे रहा है.