कल 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ हो रहा है... उससे पहले आज सुबह सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें कांग्रेस, TMC सहित 31 राजनैतिक दलों के नेता शामिल हुए वहीं आम आदमी पार्टी ने बैठक का बहिष्कार किया... किसान आंदोलन सहित तमाम मुद्दों को लेकर शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार लग रहे हैं, जिसे देखते हुए ही आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी.
सरकार की कोशिश है कि संसद सत्र सुचारू रूप से चले और जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो... वहीं विपक्ष संसद में सरकार को घेरने की योजना बना रहा है. शीतकालीन सत्र में पहले ही दिन कृषि कानूनों की वापसी संबंधित बिल को पेश किया जाना है. सर्वदलीय बैठक समाप्त होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि इस बैठक में 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया है, काफी सुझाव आए हैं. सरकार नियम के अधीन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार को उम्मीद है कि संसद में अच्छी चर्चा जारी रहेगी.
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह बिना किसी शोर शराबे से संसद सत्र को चलने दें ताकि जनहित के फैसले लिए जा सकें... इसके अलावा सर्वदलीय बैठक खत्म होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी तरफ से महंगाई, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, किसानों के मुद्दों और कोविड-19 सहित कई मुद्दों को उठाया गया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि सभी दलों ने मांग की कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाया जाए.... इसके अलावा खड़गे ने कहा कि सरकार से कोरोना से जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों को चार लाख रुपये आर्थिक मदद देने और किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को मुआवजा देने की भी मांग सर्वदलीय बैठक में की गई.
सर्वदलीय बैठक के बाद बीजेपी संसदीय दल की बैठक व NDA संसदीय दल की बैठक भी हुई. इस बारे में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि बैठक में शीतकालीन सत्र को देश व जनता के हित में शांतिपूर्ण तरीके से चलाए जाने को लेकर चर्चा की गई.
इसके अलावा राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी सभी दलों के राज्यसभा सांसदों की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने सत्ता पक्ष व विपक्ष के सभी सांसदों से अपील की कि सभी माननीय सदस्य सदन को चलाने में सहयोग करें, जिससे देश तथा आमजन का भला हो और शीतकालीन सत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य हो सके.