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आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों का दावा- "चीन में तेजी से बढ़ रहे हैं वो कैम्प जिसमे कैद हैं उईघर मुसलमान"

दुनिया के किसी भी देश की कोई भी दखल स्वीकार करने के मूड में नहीं है चीन.

Rahul Pandey
  • Sep 25 2020 4:29PM
ये वो देश है जो किसी का भी सगा नहीं है. न ही पड़ोसी का , न ही पूर्वजो का, न ही किसी मत मजहब का और न ही अपने साथी सहयोगियों का. इस देश में वामपंथ का बोलबाला है और इसी के चलते यहाँ पर धर्म जैसी कोई चीज नहीं है. जाहिर सी बात है जहाँ धर्म नहीं हो वहां अधर्म स्वतः आ जाता है और उसी अधर्मी चीन की हरकतों का शिकार वहां का हर वर्ग हो रहा है जिस अधर्म के मुखिया दुनिया में वर्तमान समय के वामपंथ की जड और संसार के लगभग सभी वामपंथियो के मसीहा शी जिनपिंग हैं. 

विदित हो कि दुनिया भर में अपनी हरकतों से सबसे बड़े धोखेबाज मुल्क की संज्ञा पाने वाले चीन में रहने वाले उईगर मुस्लिमों को ले कर आई आस्ट्रेलिया की रिपोर्ट ने एक बार फिर से हंगामा खड़ा कर दिया है. आस्ट्रेलिया से आई रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के इस्लामिक मुल्क और विशेष रूप से तुर्की द्वारा मचाये गये शोर का चीन के ऊपर कोई भी असर नहीं पड़ा है और चीन में उन कैम्पों की संख्या बढती ही जा रही है जिसमे उसने अपने देश के उइगर मुसलमानों को कैद कर के जुल्म करना जारी रखा है.

ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि इस प्रांत में बीजिंग ने 380 से अधिक हिरासत शिविर बना रखा है जहां उइगर समुदाय कैदी की तरह रहने को मजबूर हैं। ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने सैटेलाइट इमेज और आधिकारिक कंस्ट्रक्शन टेंडर कागजातों के इस्तेमाल  के जरिए 380 से अधिक हिरासत शिविरों का पता लगाया है।  कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही बर्बरता पर रोशनी डालने के लिए एक नया वेबपेज जारी किया है.

इस मामले में सबूतों के लिए सैटलाइट से प्राप्त तस्‍वीरों से इन शिविरों का पता चला है। हालांकि चीन का दावा है कि अल्पसंख्यक समुदाय को फिर से शिक्षित किए जाने का काम खत्म होने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2020 तक 61 नए हिरासत शिविरों का निर्माण कार्य हुआ और इसमें कम से कम 14 का काम अभी जारी है। यद्दपि किसी भी इस्लामिक देश में अब तक हिम्मत नहीं हो पाई है इसका मुखर विरोध करने की और चीन अपने सनक में वो सब कर रहा है जो सेक्युलर मुल्को में देशद्रोह के बराबर माना जाता है. 

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