भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि चौथी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वेला, देश के समुद्री हितों की रक्षा करने की भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भारत इस बात से भी वाकिफ है कि चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को एक वारशिप सौंपा है। दोनों देशोंं बीच हुई हालिया गतिविधियों पर भी भारत की पूरी नजर है। इसलिए भारत को हर समय चौकन्ना और तैयार रहना होगा। ये बातें नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने प्रोजेक्ट 75 के तहत भारतीय नौसेना को सौंपी गई सबमरीन आईएनएस वेला के जलावतरण के मौके पर कही है।
बढ़ते सीमा तनाव और चीन द्वारा पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा और सबसे उन्नत युद्धपोत देने के बीच नौसेना प्रमुख ने कहा, ''हम चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग को करीब से देख रहे हैं। चीन से पाकिस्तान द्वारा हाल ही में की गई खरीदारी से स्थिति बदल सकती है, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।" आईएनएस वेला को आज मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
करमबीर सिंह ने कहा, "आईएनएस वेला में पनडुब्बी संचालन के एक पूरे स्पेक्ट्रम को शुरू करने की क्षमता है। आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति को देखते हुए इसकी क्षमता और मारक क्षमता भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।" नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पी-75 परियोजना भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रणनीतिक समानता का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, "आज की शुरुआत इस स्थायी साझेदारी में एक और उच्च बिंदु है। हमने परियोजना 75 के आधे रास्ते को पार कर लिया है।"