लखीमपुर खीरी से लगातार एक के बाद एक ऐसी खबरे आ रही है, जिनसे विपक्षी पार्टियों की 'राजनीतिक सोच' उजागर हो रही है . खीरी में लगातार अलग अलग पार्टियों के 'सियासी टूर' का सिलसिला चालू है . बड़ी बड़ी पार्टियों के दिग्गज नेता लगातार खीरी पहुचकर मृत लोगो के परिजनों से मिलने की होड़ लगाये हुए है .
यूपी में कुछ महीनों बाद चुनाव होने है, तो ये कयास लगाई जा रही है कि आखिर जो ये मुलाकाते हो रही है वो 'पॉलिटिकल मुलाक़ात' है या 'मानवीय मुलाक़ात', गौरतलब है कि इस सवाल का जवाब तो वहीं पार्टियाँ दे सकती है .
इसी नांव में अब पंजाब में भूचाल लाने वाले 'राजनीतिक गुरु' नवजोत सिंह सिद्धू चढ़ चुके है, लखीमपुर पहुचने की अनुमति लेने के बाद जब सिद्धू लखीमपुर पहुंचे तो वहां दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए .
मौन धारण करने से पहले बोले सिद्धू-'जो यह देखा और सुना वो दिल दहलाने वाला'
पत्रकार रमन कश्यप के घर में उनके परिजनों से मिलने पहुंचे सिद्धू, जब उनके घर से बाहर निकले उन्होंने मौन रखने की बात कह डाली . उन्होंने कहा-' जब तक गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक मैं धरने पर ही बैठा रहूंगा और भूख हड़ताल करूंगा।'
साथ ही सिद्धू ने कहा कि-" यहां जो देखा और सुना है, वह दिल दहलाने वाला है। एक जघन्य अपराध की गाथा है। पूरा हिन्दुस्तान न्याय की गुहार लगा रहा है। मेरे लिए संविधान से बढ़ा कुछ नहीं है। संविधान के जज्बे, जमूरियत और इंसाफ को कत्ल करने का एक प्रयास है।"
मानवीय जीवन की भरपाई चंद पैसो से नहीं हो सकती : सिद्धू
मानवीय जीवन की पैसों से भरपाई नहीं हो सकती। मैं लवप्रीत के पिता से बात कर रहा था तो उन्होंने भी न्याय दिलाने की बात कही। यहां भी वही बात दोहराई गई। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। हमें पैसे नहीं चाहिए।सबूत, वीडियो, एफआईआर में नाम है, गवाह हैं, फिर भी गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो रही कि मंत्री के बेेटे हैं।
सिद्धू ने कहा कि अगर रखवाला ही जुल्म करने लगे तो किसके दरवाजे पर गरीब आदमी दस्तक करेगा। बहुत हो चुका। आज अगर किसान आंदोलन को देखेंगे तो सिस्टम से विश्वास उठ गया है।
पुलिस ने रोक लिया था सिद्धू का काफिला
इससे पहले पंजाब से अपने काफिले के साथ लखीमपुर आ रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सहारनपुर पुलिस प्रशासन ने सरसावा थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर स्थित यूपी हरियाणा बॉर्डर पर गुरुवार को रोक लिया था। इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थकों के साथ पुलिस प्रशासन की नोकझोंक हुई।कांग्रेसियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया। मौके पर काफी देर से हंगामा हुआ।
इसके बाद सहारनपुर में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और प्रशासन के बीच लखीमपुर खीरी जाने की सहमति बनी थी। जिसमें 5 लोगों को सहारनपुर प्रशासन ने लखीमपुर जाने की दी अनुमति दी थी और बाकी गाड़ियों को वापस भेज दिया था।