वापी से सूरत जाने वाले हाईवे पर मोराई फाटक के पास लियाकत खान नाम के शख्स का खुला मलबा गोदाम है। जहां वो हिंदू धर्म तथा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता था। अपने गोदाम मे वह कबाड़ को तिरंगे और प्रभु राम और हनुमान की चित्र वाले कपडे में बांधकर रखता था। घटना वलसाड जिले के वापी कस्बे में मोरई फाटक के पास की है। यहाँ राजमार्ग पर कबाड़ी के गोदाम में भारतीय ध्वज, भगवान श्रीराम और हनुमानजी की तस्वीर वाले बैनर को स्क्रैप बैग के रूप में पाया गया।
दूर से संदिग्ध दिखाई देने पर स्थानीय लोगों ने देखा तो पाया कि यह कोई आम कपड़ा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय ध्वज है। इसके बाद लोगों ने तुरंत वापी विहिप अध्यक्ष और सामाजिक नेता नरेंद्र पायक को फोन किया और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाली घटना की सूचना दी।पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और गोदाम के मैनेजर लियाकत खान को गिरफ्तार कर लिया और सभी राष्ट्रीय ध्वज और धार्मिक बैनर जब्त कर लिए। लियाकत खान से पूछताछ से पता चला कि उसने सूरत के एक मिल से स्क्रैप भरने के लिए यह कपड़ा खरीदा था। इसके बाद पुलिस ने सूरत मिल के मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया है।
शुरूआती जाँच से पता चला है कि सूरत में एक कपड़ा मिल में इस तरह के झंडे और धार्मिक बैनर बनाए जा रहे हैं। बहुत सारे राष्ट्रीय झंडों में टाइपोग्राफिकल त्रुटि के कारण स्क्रैप के रूप में बेचा गया था। यही वापी के गोदाम तक पहुँचा था। लेकिन भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार, यह एक आपराधिक कृत्य है।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और गोदाम के मैनेजर लियाकत खान को गिरफ्तार कर लिया और सभी राष्ट्रीय ध्वज और धार्मिक बैनर जब्त कर लिए। लियाकत खान से पूछताछ से पता चला कि उसने सूरत के एक मिल से स्क्रैप भरने के लिए यह कपड़ा खरीदा था। इसके बाद पुलिस ने सूरत मिल के मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया है।
शुरूआती जाँच से पता चला है कि सूरत में एक कपड़ा मिल में इस तरह के झंडे और धार्मिक बैनर बनाए जा रहे हैं। बहुत सारे राष्ट्रीय झंडों में टाइपोग्राफिकल त्रुटि के कारण स्क्रैप के रूप में बेचा गया था। यही वापी के गोदाम तक पहुँचा था। लेकिन भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार, यह एक आपराधिक कृत्य है।