दिल्ली से आगरा को जोड़ने वाले और उत्तर प्रदेश के पहले एक्सप्रेसवे के नाम से जाने, जाने वाले 'यमुना एक्सप्रेसवे' की बहुत जल्द अब पहचान बदलने वाली है। छः लेन का ये हाईवे नोएडा को आगरा से जोड़ता है, जब इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया था तब प्रदश में अखिलेश यादव की सरकार का कार्यकाल चल रहा था और अखिलेश ने इसका पूरा श्रेय लेकर खूब प्रचार-प्रसार भी किया था।
बहरहाल इस पूरे एक्सप्रेसवे को बनाने की तैयारी मायावती ने की थी, और ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन ऐसा न हो सका और सारा श्रेय अखिलेश यादव को मिल गया।
अब इसी 'यमुना एक्सप्रेसवे' का नाम बदल के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर रखने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जेवर एयरपोर्ट को भूमिपूजन करने ग्रेटर नोएडा आ रहे हैं.
इसी दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की घोषणा की जा सकती है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने इस खबर की पुष्टी भी की है. वे कहते हैं कि ये फैसला इसलिए किया जा रहा है जिससे भारत के सबसे महान और लोकप्रिय नेता को उचित सम्मान दिया जा सके.
एयरपोर्ट पर बनेगी पांच हवाई पट्टी
गौरतलब है कि 2024 तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पहली हवाई पट्टी को तैयार किया जाएगा. इससे पहली उड़ान भरी जा सकेगी. यहां पहले दो हवाई पट्टी तैयार होंगी उसके बाद 5 हवाई पट्टियां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में होंगी, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम होगा. सीएम के कार्यक्रम को लेकर नो पार्किंग जोन तैयार किया गया है. इसके साथ बाहर से आने वाले लोगों की सुविधा के लिए शौचालय तैयार किए गए हैं.
क्या है 'यमुना एक्सप्रेसवे'
यमुना एक्सप्रेसवे मार्ग एकएक्सप्रेसवे मार्ग है जो १६५ किलोमीटर लम्बा है। वैसे तो यमुना एक्सप्रेसवे को बनाने का ऐलान साल 2001 में किया गया था। लेकिन सरकार बदली और बदलने के साथ ही साल 2003 में इस पर काम बंद हो गया। साल 2007 में इसे दोबारा शुरू किया गया। लेकिन अब यमुना द्रुतगामी मार्ग इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस हाइवे को हरी झंडी दे दी है। दिल्ली आगरा मार्ग पर बढ़ रहे परिवहन दबाव को इस एक्सप्रेसवे मार्ग से कम किया गया है। साथ ही इस एक्सप्रेसवेको नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट यानी ताज एविएशन हब से भी जोड़ा गया है।