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नर्सों की वीडियो बनाते पकड़े गए तो पढ़ने लगे नमाज़.. जारी है तबलीगी जमात का उत्पात

वामपंथी व तथाकथित सेकुलर बनाने के नाम पर हिंदू विरोध व उन्माद समर्थकों के दिए गए हौसले के बाद अब तबलीगी जमात से जुड़े उन सभी जमातियों में अजब सा दुस्साहस देखने को मिल रहा है

Sudarshan News
  • Apr 9 2020 3:53PM
वामपंथी व तथाकथित सेकुलर बनाने के नाम पर हिंदू विरोध व उन्माद समर्थकों के दिए गए हौसले के बाद अब तबलीगी जमात से जुड़े उन सभी जमातियों में अजब सा दुस्साहस देखने को मिल रहा है जिनको समाज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शासन और प्रशासन द्वारा क्वॉरेंटाइन किया गया है। उत्तर प्रदेश दिल्ली उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र में इनके द्वारा किए गए उत्पात पूरे भारत ने देखें लेकिन अब इन्होंने अपना वही रंग नीतीश कुमार शासित बिहार में भी दिखाना शुरू कर दिया है.. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के सहरसा में जमातियो का घिनौना रूप देखने को मिला है.दरअसल सहरसा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तब्लीगी जमात के तीन लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज मान कर भर्ती कराया गया है. मंगलवार को जमातियों ने अपने मोबाइल से नर्सों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. एक नर्स ने ये देखा तो उसने वीडियो बनाने से रोकने की कोशिश की. उसके बाद जमाती हंगामा करने लगे.
जमातियों की हरकतों से तंग नर्सों ने इसकी शिकायत सदर अस्पताल के डिप्टी  सुपरिटेंडेंट से की. हालात बिगड़ते देख डीएस ने इसकी जानकारी एसपी को दी. आनन फानन में सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी पुलिस बल के साथ आइसोलेशन केंद्र पहुंचे. पुलिस ने हंगामे को शांत कर जमायतियों से मोबाइल जब्त करना चाहा. लेकिन पुलिस को आते देख सभी जमायती नमाज पढ़ने लगे. इसके बाद पुलिस वापस लौट गयी. सहरसा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात नर्सों का कहना है कि जमातियों के कारण यहां काम करना असंभव हो गया है. ड्यूटी के दौरान वे लगातार फब्तियां कसते हैं.  इसके अलावे खाने में मनपसंद भोजन की डिमांड करते हैं. आज तब हद हो गयी जब वे अपने मोबाइल से हमारा वीडियो बनाने लगे. हमलोगों ने वीडियो बनाने से मना किया तो वे अश्लीलता पर उतर आये. नर्सों ने बताया कि इसके बाद वे सभी आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकल आयीं. घटना के बारे में सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरीटेंडेंट डा. आर मोहन ने बताया कि नर्स के वीडियो बनाने और हंगामे की जानकारी उन्हें मिली थी. इसके बाद उन्होंने सहरसा के एसपी से इसकी शिकायत की. पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और मोबाइल जब्त करने लगी. लेकिन तभी सभी नमाज पढ़ने लगे. डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बताया कि अस्पताल में अब सभी संदिग्ध मरीजों को बिना मोबाइल के ही भर्ती किया जाएगा.

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