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उसके पीछे लगा था पांडेय और आगे था श्रीराम भक्त हनुमान जी का नाम... पर काम करने लगा दुर्दांत मुख्तार अंसारी के लिए और मार डाला कृष्णानंद राय को

हनुमान पांडे को सीधा समझते थे गांव वाले, जुड़ा हुआ था मुख्तार गैंग के साथ

Sudarshan News
  • Aug 11 2020 7:34PM

15 साल पुराना बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय का हत्याकांड में मुख्तार अंसारी गैंग के मुख्य शूटर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के एनकाउंटर के बाद एक बार फिर सुर्खियों में है. आरोपी इनामी बदमाश राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे को रविवार सुबह लखनऊ में यूपी पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया है. उस पर एक लाख रुपए का भी इनाम था. बदमाश राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे को वर्ष 2005 तक उसके गांव के लोग बहुत सीधा साधा युवक समझते थे. बता दें कि राकेश पांडे मुख्यतार अंसारी और मुन्ना बजरंगी का करीबी था. मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद राकेश पांडेय मुख्तार अंसारी गैंग का बड़ा शूटर बन गया था. विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी सहित 6 लोगों के साथ मुख्य आरोपित रहे राकेश पांडेय पर मुख्तार अंसारी आंख बंद करके भरोसा करता था. यही वजह थी कि उसे मुख्तार अंसारी ने उसे डी 5 गैंग में शामिल किया हुआ था.

 *राकेश पांडे के पिता ने पुलिस पर उठाए सवाल।* 
राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के पिता आर्मी से सेवानिवृत्त बालदत्त ने पुलिस पर भी उठाएं कई सवाल. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे हनुमान पांडे को लखनऊ स्थित आवास से रात 3 बजे उठाकर ले गई  और एनकाउंटर कर दिया. बालदत्त पांडे ने कहा कि मेरा बेटा लखनऊ में अपनी मां का इलाज करा रहा था. उस पर एक लाख का इनाम कब घोषित हुआ कभी मामला सामने नहीं आया. हां ज्यादातर केस में वो बरी हो गया था और बाहर था.

 *हनुमान पांडे के विरोध थे कई मुकदमे दर्ज।* 
हनुमान पांडे पर कुल दस अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
1. सबसे पहले लखनऊ में शहर कोतवाली  में 1993 में हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर धाराएं लगी हुई थी.
2. रायबरेली जिले में शहर कोतवाली में वर्ष 2000 में हत्या और हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराएं चल रही थी.
3. रायबरेली में शहर कोतवाली में साल 2000 में आयुध अधिनियम.
4. गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाने में वर्ष 2005 में सीएल 7 एक्ट.
5. मऊ जनपद के शहर कोतवाली में वष 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में हत्या.
6. मऊ जनपद के शहर कोतवाली में वर्ष 2010 में गैंगेस्टर एक्ट.
7. मऊ जनपद के शहर कोतवाली में वर्ष 2012 में साजिश सहित धारा 386.
8. शहर कोतवाली में ही वर्ष 2012 में गैंगेस्टर एक्ट.
9. मऊ जनपद में दक्षिण टोला थाने में दोहरे हत्याकांड में वर्ष 2010 में बलवा, साजिश, हत्या के प्रयास और हत्या.
10. दक्षिण टोला थाने में वर्ष 2010 में ही गैंगेस्टर एक्ट.

 *आखिर कब बना D-5 गैंग?* 
मुख्यतर अंसारी ने अपराध दुनिया में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए एक अलग गैंग बनाई थी. जिसका नाम D-5 गैंग रखा था. गैंगवार को करीब से देखने वाले कुछ जानकार बताते है कि इस गैंग को कृष्णानंद हत्याकांड के बाद बनाया गया था. क्योंकि उस हत्याकांड के बाद मुख्तार किसपर विश्वास करना है ये तय कर सके क्योंकि मुख्तार के गैंग में सैंकड़ों लोग थे. D-5 गैंग के लोग फिरौती, अपरहण, हत्या, रेलवे टेंडर जैसे बड़े काम ही करते थे. इस गैंग में सबसे पहले पांच लोगों को रखा गया था जिसमें एक मुख्तार खुद था दूसरा मुन्ना बजरंगी, तीसरा अंगद राय और चौथा गोरा राय और पांचवां राकेश पांडेय था. ये पांचों लोग कृष्णानंद राय की हत्या मामले में आरोपित भी रहे थे.

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