महामारी कोरोना जैसी पर शराब जरूर चाहिए...शराब चीज़ ही ऐसी है जनाब जिसके बगैर कुछ तो मानते हें कि जिंदगी है ही नहीं....लोगों को नशा चाहिए और सरकार को उनके नशे के बदले में पैसा। जनाब ये ऐसी जुगलबंदी है जिसे शायद ही कोई तोड़ पाए, तभी तो इनती मौतों और जिंदगी के संघर्ष के बीच अगर सबसे ज्यादा कोई चर्चा ,है तो वो है शराब की। जिसे देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की फसलें कितनी खरीदी गई, मज़दूर कितने पहुंचे, कितनों को राहत पहुंची, कोरोना पीड़ितों पर कैसे नियंत्रण हो इन सब बातों पर तो फैसला नहीं किया अलबत्ता शराब पर फैसला लेने में कोई देरी नहीं की है। रेड़ जोन से ग्रस्त कई जिले छोड़कर अधिकतर स्थानों पर शराब की दुकान अब खुल जाएंगी। इस संबध में सरकार ने आज आदेश भी जारी कर दिया।
हालांकि इसमें भले भोपाल,इंदौर,उज्जैन, जो प्रमुख रूप से कोरोना प्रभावित थे इनके साथ ही,खंडवा,जबलपुर एवं देवास के नगरीय क्षेत्र तथा मंदसौर, नीमच,धार एवं कुक्षी के नगर पालिका क्षेत्र में शराब नहीं मिलेगी पर इन जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में आज मंगलवार से खोली जाएंगी शराब दुकानें। सरकार गुड गर्वनेंस और अच्छे प्रशासन के लिए होती है लेकिन शराब का राजस्व भी शायद इसी परिभाषा में आता है तभी सरकारें इसके लिए इतनी तत्पर रहती है।