आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि शादी के लिए हो रहे धर्म परिवर्तन पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन कैसे होता है? हिंदू लड़के और लड़कियां दूसरे धर्म में कैसे बदल रहे हैं? छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए ऐसा हो रहा है। ऐसा करने वाले लड़के-लड़कियां गलत कर रहे हैं.
भागवत रविवार को उत्तराखंड में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बातें कही। परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में भागवत ने हिन्दू धर्म, परिवार, संस्कार और धर्मांतरण को लेकर कई बातें कही। उन्होंने कहा कि शादी के लिए दूसरे धर्म अपनाने वाले हिंदू गलत कर रहे हैं। यह छोटे स्वार्थ के लिए हो रहा है, क्योंकि हिंदू परिवार अपने बच्चों को अपने धर्म और परंपराओं का आदर करना नहीं सीखा रहे हैं।
संघ प्रमुख भागवत ने कुटुंब के लिए दिए छह मंत्र
वहीं मोहन भागवत ने रविवार को परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में कुटुंब के लिए छह मंत्र दिए। उन्होंने भाषा, भोजन, भजन, भ्रमण, भूषा और भवन के जरिये अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश दिया। कहा कि जैसे यहां पर परिवार प्रबोधन हो रहा है, उसी तरह सप्ताह में सभी परिवार कुटुंब प्रबोधन करें। इसमें एक दिन परिवार के सभी लोग एक साथ भोजन ग्रहण करें, इसमें अपनी परंपराओं, रीति रिवाजों की जानकारी दें। फिर आपस में चर्चा करें और एक मत बनाएं और उस पर कार्य करें।
महात्मा गांधी, भगत सिंह, डॉ. आंबेडकर, वीर सावरकर आदि के चित्र लगाएं
भागवत ने भ्रमण पर कहा कि पूरी दुनिया देखनी चाहिए, लेकिन काशी, चित्तौड़गढ़ से लेकर हल्दीघाटी, जलियांवाला बाग भी देखना चाहिए। अपने घर के अंदर महात्मा गांधी, भगत सिंह, डॉ. आंबेडकर, वीर सावरकर आदि के चित्र लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि रामायण में कुटुंब की कहानी है, इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। कुटुंब बनेगा तो उससे समाज बनेगा। इससे सोया हुआ राष्ट्र जागेगा और भारत विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने कहा कि गृहस्थ आश्रम में रहने वालों के ऊपर पूरे समाज की जिम्मेदारी होती है। अपने परिवार के साथ आसपास के लोगों की भी चिंता करें।
खुद पर और अपने धर्म पर गर्व करने की जरूरत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हम अपने बच्चों को तैयार नहीं करते हैं। हमें उन्हें खुद पर और अपने धर्म पर गर्व करना सिखाने की जरूरत है।