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सरकार ने रेमडेसिविर और HCQ के लिए दी नई गाइडलाइन, जानें कब करें इस्तेमाल

मंत्रालय ने नये प्रोटोकॉल के तहत गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने की स्थिति में एजिथ्रोमाइसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किए जाने की पहले की अनुशंसा को समाप्त कर दिया है.

Abhishek Lohia
  • Jun 13 2020 10:39PM

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने कोविड-19 (COVID-19) के इलाज के लिए आपातकाल में वायरसरोधी दवा रेमडेसिविर, प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा टोसीलीजुमैब और प्लाज्मा उपचार की अनुशंसा की है. अपने कदम पीछे खींचते हुए मंत्रालय ने शनिवार को 'कोविड-19 के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल' की समीक्षा की है.

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लीनिकल इस्तेमाल में काफी फायदा
इसने कहा कि बीमारी की शुरुआत में सार्थक प्रभाव के लिए मलेरिया रोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और गंभीर मामलों में इससे बचना चाहिए. मंत्रालय ने नये प्रोटोकॉल के तहत गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने की स्थिति में एजिथ्रोमाइसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किए जाने की पहले की अनुशंसा को समाप्त कर दिया है.

इसने कहा कि कई अध्ययनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लीनिकल इस्तेमाल में काफी फायदा बताया गया है. संशोधित प्रोटोकॉल में कहा गया है, 'कई बड़े अवलोकन अध्ययनों में इसका कोई प्रभाव या सार्थक क्लीनिकल परिणाम नहीं दिखा है.'

इसमें बताया गया है, 'अन्य वायरसरोधी दवाओं की तरह इसका इस्तेमाल बीमारी की शुरुआत में किया जाना चाहिए ताकि सार्थक परिणाम हासिल किया जा सके और गंभीर रूप से बीमारी मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल करने से बचा जाना चाहिए.'

कोविड-19 के इलाज में रेमडेसिवीर को सबसे कारगर दवा माना जा रहा है. इस दवा का उत्‍पादन अमेरिकी फार्मास्‍युटिकल्‍स कंपनी गिलीड साइंसेस करती है. कंपनी भारत समेत दुनिया के 127 देशों में इस दवा की आपूर्ति भी करती है. अब इस दवा का उत्‍पादन एक भारतीय कंपनी भी करेगी. इसके लिए गिलीड साइंसेस ने भारत में हैदराबाद की दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी के साथ करार किया है.

उत्‍पादन के लिए टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर भी करेगी गिलीड साइंसेस
अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के बीच हुए नॉन-एग्‍जीक्‍यूटिव एग्रीमेंट के मुताबिक, गिलीड साइंसेस ने डॉ. रेड्डीज को रेमडेसिवीर को रजिस्‍टर कराने और उत्‍पादन का अधिकार दे दिया है. भारतीय दवा निर्माता ने बताया कि गिलीड साइंसेस दवा उत्‍पादन के लिए डॉ. रेड्डीज को टेक्‍नोलॉजी भी ट्रांसफर करेगी. डॉ. रेड्डीज को उत्‍पादन बढ़ाने और संबंधित देशों में इस दवा की मार्केटिंग के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल की जरूरत होगी.

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