बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला है। मायावती ने ट्वीट करके मजदूरों की समस्या, पलायन के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर खरी खोटी सुनाई है। ट्वीट के जरिए उन्होंने श्रमिकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?'
बता दें, मायावती ने कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए श्रमिकों के वीडियो को नाटक करार दिया है। मायावती ने लिखा, 'वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने सम्बंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।'
कांग्रेस पार्टी ने शेयर किया वीडियो
कांग्रेस के वीडियो पर मायावती का प्रहार
वही कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में राहुल मजदूरों से उनकी समस्याओं पर बात कर रहे हैं। राहुल के इस वीडियो पर बीजेपी ने भी सवाल उठाए हैं। इस मामले पर हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल पर निशाना साधा था।
मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने की अपील
इसके साथ ही मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो बेहाल मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर अमल करें। उन्होंने लिखा, 'साथ ही, बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।'
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं। ज्यादातर मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पं.बंगाल के हैं जो रोजगार की तलाश में अपने शहर से दूर पैसा कमाने के लिए दूसरे राज्यों में नौकरी करने गए थे। हालांकि प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्य सरकारें अपने राज्यों में लाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। रेलवे की तरफ से भी श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही हैं।