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24 नवंबर: हत्यारे दरिंदे औरंगज़ेब से धर्म को बचाते हुए आज ही के दिन बलिदान हुए थे गुरू तेगबहादुर सिंह जी..

सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर सिंह जी का आज शहीदी दिवस, औरंगजेब ने आज के दिन की थी हत्या.

Kartikey Hastinapuri
  • Nov 24 2021 8:45AM
सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर सिंह जी का शहीदी दिवस आज 24 नवंबर 2020 दिन मंगलवार को है। गुरु तेग बहादुर जी ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया था। वे प्रेम त्याग और बलिदान के सच्चे प्रतीक हैं। इतिहास में हिंद की चादर के नाम से ख्यात गुरु तेग बहादुर का बलिदान आज 24 नवंबर को शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता है

गुरु तेग बहादुर ने ऐसे लोगों के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया था। जो लोग उनके समुदाय के भी नहीं थे। वर्ष 1675 में दिल्ली के चांदनी चौक पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने सिखों के नौवें धर्मगुरु तेग बहादुर जी की हत्या कर दी थी। गुरु तेग बहादुर की हत्या दुनिया में मानव अधिकारों की रक्षा करने के लिए पहली शहादत मानी जाती है। गुरु तेज बहादुर शहीद हो गए लेकिन औरंगजेब के सामने नहीं झुके।

औरंगजेब की कट्टरता के कई किस्से इतिहास में भरे पड़े हैं। भारतीय इतिहास में औरंगजेब को एक कट्टरपंथी इस्लामी मुगल बादशाह के रूप में जाना जाता है। औरंगजेब भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था। और इसके लिए औरंगजेब ने हिंदुओं को कई तरह से मजबूर और प्रताड़ित भी किया। ऐसे में परेशान होकर पंडित कृपा राम ने नेतृत्व में 500 कश्मीरी पंडितों को एक दल आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर से मदद मांगने के लिए गए थे। गुरु गोविंद सिंह उनकी मदद के लिए तैयार हो गए थे।
गुरु तेज बहादुर ने औरंगजेब को चुनौती दी है कि वे मर जाएंगे लेकिन इस्लाम कबूल नहीं करेंगे। लेकिन औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया और पांच दिनों तक कड़ी शारीरिक यातनाएं दि। औरंगजेब के बर्बरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरु तेग बहादुर के सामने ही उनके समर्थकों को जिंदा जला दिया गया। गुरु तेज बहादुर शहीद हो गए लेकिन औरंगजेब के सामने नहीं झुके। गुरु तेगबहादुर सिंह जी ने कश्मीरी हिन्दुओं तथा गैर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की बलिदान दिया था। मुगल बादशाह औरंगजेब जबरन उन सभी लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने पर तुला था। लेकिन इसके बावजूद औरंगजेब गुरु तेज बहादुर को झुका नहीं पाया।

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