कांग्रेस पार्टी में आजकल 'किताबो' के कारण 'बवालो' का सिलसिला लगातार जारी है। अभी हाल ही में सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में हिंदुत्व को टारगेट करके उसकी तुलना ISIS और बोको हराम से की थी, जिसके कारण खुर्शीद की खूब किरकिरी हुई थी।
वहीं, अब कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी ने भी अपनी किताब में खुद की ही पार्टी पर सवालिया निशान खड़े करते हुए ऐसे संगीन आरोप लगाए है, जिसके कारण कांग्रेस एक बार फिर से मुश्किलों के दौर में फंस सकती है।
क्या कहा है मनीष तिवारी ने ?
दरअसल, अभी हाल ही में मनीष तिवारी की एक किताब लांच हुई है, जिसको लेकर ही बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। मनीष तिवारी ने तत्कालीन मनमोहन सरकार को घेरते हुए कहा है कि-"सरकार को इस हमले के बाद पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।"
मनीष तिवारी ने 26/11 को लेकर अपनी आने वाली किताब के संबंध में ये बयान दिया है कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब में सवाल उठाते हुए मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई न करने पर अपनी पार्टी की मनमोहन सरकार की कड़ी आलोचना की है। किताब को लेकर कांग्रेस नेता का कहना है कि-"घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि मेरी चौथी किताब जल्द ही बाजार में आएगी। यह किताब पिछले दो दशकों में भारत में हुई प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती का वर्णन करती है।"
कांग्रेस नेता ने अपनी किताब में सवालों के जरिए मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए था लेकिन मनमोहन सरकार का कार्रवाई न करना कांग्रेस की कमजोरी की निशानी है। उन्होंन आगे लिखा है कि-"पाकिस्तान को निर्दोष लोगों के मारे जाने का कोई अफसोस नहीं है तो संयम ताकत की पहचान नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है।"
26/11 मुंबई की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से करते हुए मनीष तिवारी ने लिखा है कि-"भारत को उस वक्त शब्दों से अधिक तीव्र जवाबी कार्रवाई करना चाहिए थी।" ये पहला मौका नहीं है जब मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी को घेरा है। इससे पहले भी मनीष के कई मौकों पर अपनी पार्टी कांग्रेस को घेरा है। कांग्रेस नेता ने पंजाब में राजनीति अस्थिरता की बात हो या कांग्रेस में कन्हैया कुमार को शामिल करने की।