जिहाद की एक और साजिश का पर्दाफाश हुआ है। आपको बता दें सरकारी कार्यालय में किस तरीके से जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और धर्मांतरण जैसी गतिविधि को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है इसका ज्वलंत उदहारण यह मामला है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के सामने एक ऐसा मामला आया जिसे सुनकर वह भी अचंभित रह गए। उनके सामने जो मुद्दा आया था उसमें धर्मांतरण का कोई संगठन या कोई गिरोह से लेना-देना नहीं था अपितु सरकारी विभाग में तैनात कर्मचारी लड़की पर मुस्लिम बनाने का दबाव बना रहे थे। जिसके बाद जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए उस कर्मचारी पर कार्रवाई की। आपको बता दें ने जब यूपीएससी जिहाद के मुद्दे को उठाया था तो कई संगठन तथा अब तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग इसके विरोध में खड़े हो गए थे लेकिन यह मामला ज्वलंत उदाहरण पेश करता है कि किस तरीके से छोटे कर्मचारी भी इस जिहाद के करतूत में शामिल हैं।
आपको बता दें खबर के मुताबिक शहर के काशीनगर, मोहल्ला निवासी युवक तरुण गुप्ता एक युवती के साथ पहुंचा और शिकायत की कि दोनों शादी करना चाहते हैं और शादी प्रमाण पत्र के लिए एडीएम को आवेदन भी किया है। लेकिन वहां पर तैनात बाबू मुहम्मद साजिद उन पर धर्मांतरण का दबाव बना रहा है और कह रहा है कि पहले धर्म बदलो फिर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
जिसके बाद युवक ने जिलाधिकारी से शिकायत की और उसे न्याय मिला. इस मामले को लेकर युवक ने डीएम को एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें सरकार की बाबू की बातें कैद हो गई थी और इसके बाद डीएम का पारा चढ़ गया और उन्होंने तुरंत सरकारी बाबू को बुलाकर जमकर फटकार लगाई. डीएम ने उसका निलंबन की चेतावनी तो महज एक घंटे में विवाह प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.
असल में डीएम के पास पहुंचे तरुण ने बताया कि वह एक हिंदू परिवार से हैं और जिस लड़की से वह शादी कर रहे हैं वह एक मुस्लिम परिवार से है। दोनों ने आपसी सहमति से शादी करने का फैसला किया और इसके लिए एडीएम के वहां आवेदन किया था। वह कई बार तरूण को टालता रहा और हर बार बाबू एक शर्त रखता है कि अगर आप शादी करना चाहते हैं तो आपको अपना धर्म बदलना होगा तभी सर्टिफिकेट बन सकेगा। युवक और युवती की शिकायत सुनने के बाद डीएम जिलाधिकारी ने तुरंत ही बाबू को बुलाया और फटकार लगाई और चेतावनी दी कि यदि एक घंटे के अंदर प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो वह बाबू को निलंबित कर देंगे।