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हाथरस की बेटी के लिए न्याय के संघर्ष में बचें अफवाहों से.. जानिये कौन सी हैं वो भ्रामक खबरें जो फैलाई जा रही हैं साजिश के तहत

न्याय की लड़ाई में बचना होगा अफवाहों से.

Rahul Pandey
  • Sep 30 2020 8:35AM

उत्तर प्रदेश के हाथरस ( Hathras ) में अत्याचार की शिकार बेटी आख़िरकार जीवन का संघर्ष हार गई और उस पीडिता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई। ये मामला हाथरस के थाना चंदपा का है जिसके साथ ये वीभत्स कुकृत्य 14 सितम्बर को हुआ था. लडकी को बेहद नाजुक हालत में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था जहाँ से उसको इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया था.

इस मामले में पुलिस ने जहाँ आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ कार्यवाही की तो वहीँ डाक्टरों ने भी बहुत कोशिश कर के पीडिता की हालत में सुधार लाने का प्रयास किया पर आख़िरकार प्रयास निष्फल रहे और लडकी जिंदगी की जंग हार गई व् उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। वारदात के समय 20 साल की लड़की मां और भाई के साथ पशुओं का चारा लेने खेत में गई थी। 

इस मामले में अब तक उसी गाँव के 4 दरिंदों के नाम सामने आये हैं जिनके खिलाफ कठोर कार्यवाही शासन व् प्रशासन कर रहाहै और मामले को फास्ट ट्रैक में चला कर जल्द से जल्द आरोपियों को सज़ा दिलाने के लिए प्रयासरत है. लडकी का गला दबाया गया था जिसके चलते उसकी हालत बेहद खराब हो गई थी. सर्वाइकल इंजरी के कारण उसके हाथ-पैर काम नहीं कर रहे थे। सोमवार को उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था.

इस मामले में न्याय का संघर्ष सामूहिक रूप से चल रहा है जिसमे न सिर्फ आम जनता बल्कि शासन और प्रशासन भी शामिल दिखाई दे रहा है. जहाँ उत्तर प्रदेश शासन से सख्त निर्देश जारी किये गये हैं दरिंदों के साथ कानून की सीमाओं के अंतिम हद तक कठोर कार्यवाही करने की तो वही हाथरस का प्रशासन भी इस मामले में न्यायोचित कार्यवाही के लिए किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की लगातार अपील कर रहा है. मामले के  सभी दरिंदो को त्वरित कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस घटना को लेकर विरोधी दल इस मामले में लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। घटना के बाद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण ने अलीगढ़ आकर लड़की के परिजनों से मुलाकात की थी। वहीं पुलिस मामले के सभी चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर ने सम्बन्धित इंस्पेक्टर चंदपा को लाइन हाजिर कर दिया है। पीड़ित परिवार चाहता है कि इस मामले के चारों दरिन्दों को फांसी की सजा दी जाए।

हाथरस पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए सोशल मीडिया के साथ मीडिया के कुछ प्लेटफार्म पर चल रही अफवाहों का खंडन किया है. हाथरस पुलिस के ट्विटर हैंडल से जारी संदेश के अनुसार किसी भी प्रकार की अफवाह को उड़ाने वालों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी. इस मामले में ट्विटर के माध्यम से बताया गया है कि मेडिकल रिपोर्ट में मृतका की जीभ काटने और आँख फोड़ने जैसी हरकत नहीं साबित हुई है.

इस मामले में रीढ़ की हड्डी तोड़ने का भी जिक्र सोशल मीडिया के साथ मीडिया के कुछ प्लेटफार्म पर बताया जा रहा है जबकि पुलिस का कहना है कि गला दबाते समय दांतों के बीच जीभ आ गई थी जिसके चोट के निशान पाए गये है. इसी के साथ गला दबाने की वजह से रीढ़ की हड्डी भी काम नही कर रही थी जिसका जिक्र मेडिकल रिपोर्ट में आया है. सुदर्शन न्यूज़ सत्य और अकाट्य तथ्यों के साथ सत्य के इस संघर्ष में हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने का आह्वान करता है. भ्रामक और तथ्यहीन अफवाहों से सम्भवतः न्याय की लड़ाई कमजोर होगी और आरोपियों को उस भ्रम का लाभ मिल सकता है. 

देखिये इस मामले में हाथरस पुलिस की अपील -

 

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