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MSME से लेकर इनकम टैक्स से जुड़े एलानों तक, जानें वित्त मंत्री के आज के भाषण की बड़ी बातें

निर्मला सीतारमण ने कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों यानी एनबीएफसी को फंड नहीं मिल पा रहा है. इनके लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लाई गई है.

Abhishek Lohia
  • May 13 2020 6:32PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कल प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. वित्त मंत्री ने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अर्थव्यवस्था के लिए जिस विजन की बात कही है उसको पूरा करने के लिए आर्थिक पैकेज के तहत समाज के विभिन्न सेक्टर्स के लोगों और जानकारों से राय ली गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था में बेहद बदलाव आया है और लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरी कल्याण योजना के तहत हमने 1.7 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था जिसका काफी फायदा देश के गरीब तबके, वृद्धों, महिलाओं, दिव्यांगों, मजदूरों को मिला है. हमारी सरकार संवेदनशील है और हमने बदली हुई स्थिति के तहत तुरंत कदम उठाए हैं.

वित्त मंत्री के भाषण की मुख्य बातें इस प्रकार रही हैं

माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज यानी MSME के लिए वित्त मंत्री ने 6 कदम उठाने का एलान किया है.

MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रेल फ्री लोन दिया जाएगा और ये 4 साल के लिए दिया जाएगा. इसके लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी. इसके जरिए कुटीर और लघु उद्योग की 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा. शुरुआती 12 महीनों यानी एक साल के लिए उन्हें मूलधन नहीं चुकाना होगा. इसके तहत 25 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा और 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली उद्योगों को इसका फायदा होगा.

संकट में फंसी MSME के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के फंड का एलान किया जा रहा है. इसके जरिए 2 लाख एमएसएमई यूनिट को फायदा पहुंचेगा. इसके तहत स्ट्रेस या एनपीए वाली एमएसएमई को फायदा मिलेगा.

MSME के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड्स ऑफ फंड बनाया जा रहा है. अच्छा कर रहे MSME जो विस्तार करना चाहते हैं वो फंड्स ऑफ फण्ड के जरिए 50 हज़ार करोड़ का लाभ ले सकेंगे.

MSME की परिभाषा में बदलाव किया गया है और निवेश सीमा को बढ़ाया जा रहा है. अब 1 करोड़ रुपये के निवेश वाली इकाई को भी सूक्ष्म माना जाएगा. इसी तरह 10 करोड़ के निवेश और 50 करोड़ के टर्न ओवर वाले उत्पादन आधारित उद्योग को लघु उद्योग माना जाएगा.

सरकारी खरीद में 200 करोड़ तक के टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे. इससे MSME को उत्साह के साथ कारोबार करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे उन्हें मेक इन इंडिया को बढाने में मदद मिलेगी.

MEME को ई-मार्केट लिंक उपलब्ध कराए जाएंगे और अगले 45 दिन में MSME के सरकारी उपक्रमों और सरकार के सभी बकाया बिल कलीयर किए जाएंगे.

EPF के लिए बड़ा एलान
ईपीएफ को लिक्विडिटी रिलीफ देने के तहत गरीब कल्याण योजना में एंप्लाई प्रोविडेंट फंड का 12 प्रतिशत नियोक्ता और कर्मचारी का अंशदान भारत सरकार देगी. पहले इसे मार्च अप्रैल और मई के लिए दिया गया था और अब इसे अगले तीन महीनों यानी जून, जुलाई और अगस्त के लिए दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों को 2500 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी.

संस्थानों और कर्मचारियों के लिए ईपीएफ योगदान अगले तीन महीने के लिए 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जा रहा है. अगले तीन महीने के लिए सभी कर्मचारी और एंप्लॉयर को 10 फीसदी का योगदान ही देना होगा. इससे उनके हाथ में आने वाली लिक्विडिटी बढाने में मदद मिलेगी. हालांकि सरकार की तरफ से 12 फीसदी का योगदान पहले की तरह से दिया जाता रहेगा.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि EPF में भी राहत दी जा रही है. इसके समर्थन के लिए 2500 करोड़ रुपए आवंटित किए जा रहे हैं. भारत सरकार कंपनी और कर्मचारी दोनों की तरफ से 12  फीसदी का योगदान करेगी. इसे समर्थन को मार्च-मई 2020 से बढ़ाकर जून-अगस्त 2020 तक कर दिया गया है.

जो लोग ईपीएफ के दायरे में नहीं आते हैं उनकी सैलरी बढ़ाने के लिए पीएफ योगदान 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है. सरकारी कंपनियों में कंपनी को 12 फीसदी योगदान देना होगा लेकिन कर्मचारियों के पास यह विकल्प होगा कि वो अगले तीन महीने 10 फीसदी देना चाहते हैं या 12 फीसदी पर ही बने रहना चाहते हैं.

TDS और TCS दरों से जुड़ा फैसला
निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा TDS और TCS दरों में 25 फीसदी की कटौती की जा रही है. यह कटौती कल से लागू हो जाएगी. इससे 50 हज़ार करोड़ की रकम लोगों को उपलब्ध होगी. यह कटौती 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी. टीडीएस का रेट 25 फीसदी घटा दिया गया है. यह इंटरनेट, रेंट, ब्रोकरेज सहित सभी पेमेंट पर लागू होगा. यह 14 मई से लागू होगा और 31 मार्च 2021 तक चलेगा. इससे लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आ पाएगी.

NBFC के लिए फैसला
निर्मला सीतारमण ने कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों यानी एनबीएफसी को फंड नहीं मिल पा रहा है. इनके लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लाई गई है. इस स्कीम में सरकार एनबीएफसी, एचएफसी और एमएफआई के डेट पेपर्स खरीदेगी. इसमें सरकार सिर्फ हाई क्वालिटी वाले पेपर ही नहीं बल्कि निवेश लायक सभी डेट पेपर्स खरीदने वाली है.

इनकम टैक्स से जुड़ा फैसला
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई है. इसके तहत करोड़ों टैक्सपेयर्स को फायदा मिलेगा. टैक्स ऑडिट के लिए भी आखिरी तारीख बढ़ाई गई है. टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख को 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 कर दिया गया है. असेसमेंट ना करने की छूट जो अभी सितंबर 2020 तक थी उसे बढ़ाकर दिसंबर 2020 कर दिया गया है. विवाद से विश्वास स्कीम के दायरे को भी बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया गया है.वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 और  31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी गई है.

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