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नागालैंड में रचा गया इतिहास.. सरकार में शामिल हुआ पूरा विपक्ष, मिलकर चलेगी सरकार

नागालैंड सरकार की प्रवक्ता नीबा क्रोनू ने बताया कि सभी दलों के विधायक अगले कुछ दिनों में यूडीए के गठन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे. पहले यह घोषणा की गई थी कि नई सरकार को नागालैंड संयुक्त सरकार कहा जाएगा, लेकिन शनिवार को हुई बैठक में संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीए) नाम पर ही मुहर लगी.

Abhay Pratap
  • Sep 19 2021 7:07PM

पूर्वोत्तर भारत के राज्य नागालैंड में एक सनसनीखेज लेकिन ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. अभी तक आपने सदन में सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच घमासान तो देखा ही होगा लेकिन नागालैंड ने सबसे अलग हटकर इतिहास रचा है. नागालैंड में एक तरह से संपूर्ण विपक्ष सरकार में शामिल हो गया है. नागालैंड में अब सत्ता पक्ष तथा विपक्ष दोनों मिलकर सरकार चलाएंगे.  

खबर के मुताबिक़, नागा शांति समझौते (Naga peace agreement) के मद्देनजर एक प्रस्ताव के जरिए विपक्ष रहित सरकार बनाने के नए नामकरण को मंजूरी दी गई है. राज्य की राजधानी कोहिमा में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP), नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF), बीजेपी और निर्दलीय समेत सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई. नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो (Chief Minister Neiphiu Rio) की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्ष रहित सरकार अपनाने के लिए सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे नए नामकरण संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (UDA) को अपनाया गया.

आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एनडीपीपी के साथ मिलकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस के नाम पर सरकार बनाई, जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट ने प्रमुख विपक्ष का पद संभाला. नगा राजनीतिक मुद्दों से संबंधित लंबे समय से लंबित मांगों का समाधान खोजने के लिए, पार्टियों द्वारा विधानसभा में एकजुट होने का निर्णय लिया गया. फैसले के अनुसार रियो मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इस दौरान एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया गया है, जो सभी पार्टियों के लिए उचित है.

सभी राजनीतिक दल एकता और सुलह की दिशा में प्रयास करेंगे और भारत सरकार से अनुरोध करेंगे कि सभी को स्वीकार्य सौहार्दपूर्ण समाधान जल्द से जल्द किया जाए. नागालैंड विधानसभा के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में सर्वसम्मति से पांच सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया है. 11 जून को, नागालैंड सरकार ने घोषणा की कि वे एक संसदीय समिति का गठन करेंगे, जिसमें राज्य के 60 विधायक और दो सांसद शामिल होंगे और उन्हें क्षेत्र में संकट को हल करने और सुविधाकर्ता की भूमिका निभाने का काम सौंपा जाएगा.

नागालैंड सरकार की प्रवक्ता नीबा क्रोनू ने बताया कि सभी दलों के विधायक अगले कुछ दिनों में यूडीए के गठन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे. पहले यह घोषणा की गई थी कि नई सरकार को नागालैंड संयुक्त सरकार कहा जाएगा, लेकिन शनिवार को हुई बैठक में संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीए) नाम पर ही मुहर लगी.

आपको बता दें कि 19 जुलाई को मुख्य विपक्षी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने बिना किसी पूर्व शर्त के एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव रखा और मुख्यमंत्री से इस पर विचार करने का अनुरोध किया गया. इस प्रस्ताव का मकसद संयुक्त रूप से नगा मुद्दे को शीघ्र समाधान पर जोर देना है। शुरू में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने इस कदम की सराहना की, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मानने से इनकार कर दिया.

इसके बाद मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो स्वयं एक्शन में आए तथा भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास में लेकर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. अब नागालैंड में कोई विपक्ष नहीं होगा तथा सभी पार्टियां मिलकर सरकार चलाएंगी.

 

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