जो 26 जनवरी को लाल किले पर हुआ था, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिसकी धमकी 15 अगस्त पर खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी थी, उसकी भयावह झलक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दिखाई दे रही है. उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी कल से सुलग रहा है तथा अभी तक आधिकारिक रूप से 8 लोगों की मौत हो चुकी है. हालाँकि हमारे सूत्रों के मुताबिक़, मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 9 हो गया है.
जिन लोगों की मौत हुई है, उसमें किसान संगठन के 4 कार्यकर्ता, बीजेपी के 3 कार्यकर्ता, एक बीजेपी की गाड़ी का ड्राईवर तथा एक स्थानीय पत्रकार बताया जा रहा है. इस बीच लखीमपुर हिंसा को लेकर जो जानकारी सामने आई है, वो चौंकाने वाली है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लखीमपुर खीरी में जो हिंसा हुई है, वो पूर्व नियोजित थी तथा खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले के समर्थकों ने ये हिंसा फैलाई है.
लखीमपुर खीरी के स्थानीय लोगों की मानें तो कार्यक्रम से पहले लोगो को पंजाब समेत बाहरी जनपदों से बुलाया गया था. जिन लोगों ने हमला किया है, पीट पीट कर लोगों को मारा है, उनके पहले से आपराधिक रिकॉर्ड होने की भी खबर है. हिंसक भीड़ में काफी लोग ऐसे भी थे जो खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले की तस्वीर छपी हुई टीशर्ट पहने हुए थे.
स्थानीय सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि बाजार से भारी तादात में काला कपड़ा खरीदा गया. पलिया, निघासन, धौरहरा , संपूर्णानगर, तिकुनिया से भारी तादात में काला कपड़ा खरीदा गया था. हिंसा पूर्व नियोजित थी, इस आरोप में इसलिए भी दम प्रतीत होता है कि मुख्य कार्यक्रम स्थल पर बड़ा विरोध न करके गांव जाने वाली पतली रोड पर विरोध किया गया ताकि भगदड़ हो और हिंसा आसानी से हो सके.
इसके अलावा एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि गाड़ियों में आग लगाने के लिये डीजल/पेट्रोल पहले से रखा गया था. स्थानीय लोगो के अनुसार प्रदर्शन करने वाले उनके गांव के थे ही नहीं. सवाल ये भी है कि बनबीर पुर गांव की आबादी महज 1500 के आस पास तब इतने लोग कहां से आए तथा क्यों आए?