मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने 5 जून को बताया कि अबू धाबी का सोवरेन फंड मुबाडाला इन्वेस्टमेंट (Mubadala Investment) Jio प्लेटफार्म्स में 1.85 फीसदी 9,093.6 करोड़ रुपये में खरीदेगी. यह निवेश इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और इंटरप्राइजेज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये पर तय हुआ है. इस निवेश के साथ ही Jio Platforms ने 6 हफ्ते के कम सयम में अभी तक दुनिया की अग्रणी टेक्नोलॉजी और ग्रोथ इन्वेस्टर्स से 87,655.35 करोड़ रुपये जुटा चुका है. इन इन्वेस्टर्स में फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडाला इंवेस्टमेंट शामिल हैं.
क्या करती है Mubadala Investment
मुबाडाला इन्वेस्टमेंट अबू धाबी की Global Investment कंपनी है. इन्वेस्टमेंट अबू धाबी की Sovereign Investor है. ये अबू धाबी सरकार की ग्लोबल पोर्टफोलियो मैनेजर है. 5 महाद्वीपों में 229 अरब डॉलर का पोर्टफोलियो मैनेजमेंट करती है. अभी जरूरी मंजूरियां बाकी- ये डील रेग्युलेटरी और दूसरी जरूरी मंजूरियों के अधीन है. इस डील के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मॉर्गन स्टेनली और एजेडबी एंड पार्टनर्स को वित्तीय सलाहकार बनाया है. वहीं, Davis Polk & Wardwell को लीगल काउंसल नियुक्त किया गया है.
आखिर क्यों जियो में कंपनियां कर रही है निवेश
पिछले 6 हफ्ते के कम सयम में अभी तक दुनिया की कई बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां और ग्रोथ इन्वेस्टर्स जियो में कुल 87,655.35 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके है. इनमें फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडाला इंवेस्टमेंट शामिल हैं.
अब सवाल उठता हैं कि ग्लोबल निवेशकों को Jio क्यों पसंद है. इस पर नजर डालें तो Jio Platform इंडिया के Digital Potential का सबसे अच्छा प्रतिनिधि है. इसको इंडियन मार्केट की गहरी समझ है. कोरोना वायरस के बाद डिजिटाइजेशन के मौके बढ़े हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी और टूल्स का इस्तेमाल बढ़ा है जिसका फायदा इसको मिलना तय है.
मुबाडला ने अपने वेंचर विभाग की स्थापना 2017 में की थी. कंपनी का लक्ष्य भविष्य की संभावना वाले बिजनेस में निवेश करना है. मुबाडाला अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के देशों में कई वेंचर फंड्स चलाती है.