बालोद। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में शनिवार को देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाएगी।
बता दे कि मोहल्लों में समितियों की ओर से पंडाल सजाकर तो कल-कारखानों व निर्माणकारी संस्थाओं और कार्यालयों में विश्वकर्मा प्रतिमा स्थापित की जाएगी। फिर उनका पूजन किया जाएगा। वही पंडालों में प्रतिमा स्थापना के साथ ही स्थापना पूजा और हवन-पूजन होगा। इससे सुबह से लेकर देर शाम तक आस्था का माहौल रहेगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्ग, इंद्रप्रस्थ, लंका, द्वारिका समेत कई दिव्य नगरी का निर्माण किया। विश्वकर्मा की पूजा का विधान प्राचीनकाल से किया जा रहा है। धन-धान्य, सुख-समृद्घि व शिल्प शास्त्र में र्निविघ्न सफलता भगवान विश्वकर्मा के पूजन से मिलती है।
इस दिन प्रतिमा स्थापना के साथ ही औजारों का पूजन किया जाएगा। यंत्रों और औजारों को स्वच्छ कर पूजा की जाएगी। इसके साथ ही हवन-पूजन होगा। शहर के रेलवे क्षेत्र में संयुक्त हेमाल संघ द्वारा रेकपवाइन्ट में भगवान विश्वकर्मा की पंडाल में स्थापना करेंगे साथ ही टेलीकॉम, मैकेनिकल, डीआरएम ऑफिस, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी विभागों में प्रतिमा स्थापना होगी। वहीं शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भी पंडाल सजेगा। इससे शाम होते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर होगा। शाम को सरदार पटेल मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। शुक्रवार को देर रात तक ढोल-ताशों के साथ पंडालों में प्रतिमा के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। शहर में सजने वाले पंडालों के साथ ही दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी व बड़ी गाड़ियों में प्रतिमाएं पहुंचती रहीं।