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दिल्ली दंगों की चार्जशीट में पुलिस ने जामिया पैनल, JNU के मुस्लिम छात्र और पिंजरा तोड़ को बताया मुख्य साजिशकर्ता- सूत्र

पुलिस ने अब तक अदालतों में दायर कई चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली दंगों में उन लोगों द्वारा गहरी साजिश रची गई थी, जिन्होंने विवादास्पद CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.

Abhishek Lohia
  • Sep 14 2020 2:54PM
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) 17 सितंबर को अदालत में चार्जशीट (Chargesheet of Delhi Riots) दायर करेगी. पुलिस विभाग के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, करीब 200 पन्नों की लंबी चार्जशीट में पिंजरा तोड़ (Pinjra Tod) के सदस्यों, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (Jamia Coordination Committee), JNU ग्रुप के मुस्लिम छात्रों (Muslim students of JNU groups), पार्षदों और स्कूल मालिकों जैसे समूहों का साजिशकर्ता के रूप में जिक्र किया गया है. एक निजी टीवी चैनल को पुलिस विभाग के शीर्ष सूत्रों से ये जानकारी मिली है. पुलिस ने अब तक अदालतों में दायर कई चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली दंगों में उन लोगों द्वारा गहरी साजिश रची गई थी, जिन्होंने विवादास्पद CAA (Citizenship Act amendments) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.

पुलिस सूत्रों ने एक निजी टीवी चैनल को बताया कि फिलहाल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. हम ऐसे समूहों या व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए अदालत में जा रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि इन समूहों और व्यक्तियों के नाम एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद सामने आए हैं, जिन्होंने पुलिस को बताया कि ये समूह उन्हें CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाते थे.

बता दें कि दिल्ली में 23 से 26 फरवरी 2020 के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 53 लोगों की मौत हो गई थी. मारे गए 52 नागरिकों में से ज्यादातर मुस्लिम थे. पुलिस ने दंगों के सिलसिले में 751 FIR दर्ज की हैं, जिनमें से 1575 लोगों को गिरफ्तार किया है. 250 से अधिक चार्जशीट दायर किए हैं.

इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में भूमिका के आरोप में पुलिस ने रविवार देर रात जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Omer Khalid) को गिरफ्तार कर लिया है.दिल्ली दंगे के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो सितंबर को कुछ घंटे तक उमर से पूछताछ की थी. खालिद को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) कानून की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन (CAA) कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल उमर खालिद और अन्य ने दिल्ली में दंगों की साजिश रची, ताकि दुनिया में मोदी सरकार की छवि को खराब किया जा सके.

दंगे को लेकर पहले दायर चार्जशीट में इनका भी नाम
दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयंती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं एक्टिविस्ट अपूर्वानंद और डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर राहुल रॉय के नाम सह-षडयंत्रकर्ताओं के रूप में दर्ज किए हैं. दिल्ली दंगों से इन लोगों के नाम जुड़ने के बाद एक बार फिर 'अर्बन नक्सल' की थ्योरी को हवा मिल गई है.

आरोप है कि इन लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को 'किसी भी हद तक जाने को कहा', सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए.

निशाने पर थी भारत सरकार की छवि!
चार्जशीट में दावा किया गया है कि येचुरी और योगेंद्र यादव के अलावा फातिमा के बयान में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के कार्यकर्ता उमर खालिद और पूर्व विधायक मतीन अहमद, विधायक अमानतुल्ला खान जैसे कुछ मुस्लिम समुदाय के नेताओं के नाम भी शामिल हैं. इसमें उन्हें हिंसा के साजिशकर्ताओं का मददगार बताया गया है. पुलिस का दावा है कि फातिमा ने अपने बयान में कहा कि उसे 'भारत सरकार की छवि को खराब करने के लिए' प्रदर्शन आयोजित करने को कहा गया था.

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