उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के दो कद्दावर नेता ठाकुर जयवीर सिंह और हरिओम यादव की दुश्मनी सालों पुरानी हैं. हरिओम यादव वर्तमान में जिले की सिरसागंज विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं लेकिन सपा उन्हें 6 साल के लिए निष्काषित कर चुकी हैं. वहीं जयवीर सिंह बसपा सरकार में मंत्री रहे हैं तथा अब बीजेपी के साथ हैं. जयवीर सिंह की पुत्रबधू हर्षिता सिंह हाल ही में फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई हैं.
लेकिन इस दौरान में सियासत की नई इबारत लिखी गई. सपा से निष्काषित चल रहे सिरसागंज विधायक हरिओम यादव ने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए अपने धुर विरोधी पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह से हाथ मिला लिया और जिला पंचायत चुनाव में उनकी पुत्रवधू को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिता दिया. इस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिले के दोनों कद्दावर नेताओं के बीच चली आ रही पुरानी रंजिश समाप्त हो गई तथा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा हो गया.
सियासत के दो धुर विरोधी पूर्व मंत्री जयवीर सिंह और एसपी से निष्कासित विधायक हरिओम यादव ने हाथ मिला लिया जबकि विधानसभा चुनाव में जयवीर सिंह और हरिओम यादव आमने-सामने रहते थे. दोनों के बीच कई बार मारपीट, पथराव और फायरिंग जैसी घटना भी हुईं. लेकिन इस चुनाव में दोनों के बीच समझौता हुआ और सालों पुरानी रंजिश का खात्मा हो गया. कभी एसपी के दिग्गज नेता रहे सिरसागंज विधायक हरिओम यादव जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के बाद किंगमेकर बनकर उभरे. उनके पास परिवार के दो जिला पंचायत सदस्य और चार उनके ख़ास समर्थक थे.
एसपी से उनकी नाराजगी को देखते हुए ही बीजेपी खेमे ने काफी पहले उन्हें अपने पाले में कर लिया. जैसे ही हर्षिता सिंह की जीत की घोषणा हुई, जयवीर सिंह अपनी पुत्रवधू हर्षिता सिंह के साथ हरिओम यादव के घर गए, दोनों एक दूसरे के गले लगे और मिष्ठान वितरित किया. चुनाव समाप्ति तक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप उर्फ छोटू बीजेपी प्रत्याशी हर्षिता सिंह के साथ जमे रहे. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा फिरोजाबाद जिले के प्रभारी दयाशंकर सिंह ने बीजेपी की जीत का सेहरा खुलकर हरिओम यादव के सर बांधा तथा कहा कि उन्हीं के कारण ये जीत संभव हुई है.
जिस तरह हरिओम यादव ने जयवीर सिंह से पुरानी दुश्मनी ख़त्म कर उनकी पुत्रबधू को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया है, उसका असर 2022 विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा. सियासी गलियारों में चर्चा है कि 2022 में हरिओम यादव बीजेपी से चुनाव लड़ सकते हैं तथा जयवीर उस समय उनकी मदद कर ये एहसान चुकाएंगे. अगर ऐसा होता है तो इसका असर सिर्फ सिरसागंज तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि जिले भर में देखने को मिलेगा तथा बीजेपी और ज्यादा ताकतवर होगी.