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सुदर्शन के अथाह प्रयासों का सार्थक असर दिखना शुरू ... IT विभाग ने चरमपंथी संगठन PFI का रजिस्ट्रेशन किया रद्द

गृह मंत्रालय ने 2017 में कहा था कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. इसमें एनआईए की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है.

Abhay Pratap
  • Jun 16 2021 6:51PM

सुदर्शन लंबे समय से मजहबी चरमपंथी संगठन PFI  के खिलाफ जो अभियान चला रहा था, उसके सार्थक असर दिखना शुरू हो गए हैं. खबर के मुताबिक़, आयकर विभाग ने पीएफआई को आयकर कानून, 1961 की धारा 12एए (3) के तहत दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया है. पीएफआई को यह पंजीकरण अगस्त, 2012 में मिला था. आईटी विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि पीएफआई को दिया गया कर लाभ आकलन वर्ष 2016-17 से रद्द किया जा रहा है/वापस लिया जा रहा है.

IT विभाग ने पाया कि पीएफआई की गतिविधियां कानूनी रूप से अधिसूचित परमार्थ संगठनों अर्थात Charitable Organizations की तरह नहीं हैं. इस संगठन की गतिविधियां सही नहीं हैं. आयकर विभाग को पीएफआई के खातों में विदेश से आ रहे पैसे की सूचना मिली थी. यह आरोप भी था कि पीएफआई के खातों में अवैध तरीकों से धन जमा किया जा रहा है. इन आरोपों पर कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने पीएफआई का 80जी का पंजीकरण रद्द कर दिया है. विभाग ने कहा कि संगठन ने समाज के एक विशेष वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए आईटी नियमों का उल्लंघन किया. विभाग ने हाल में पीएफआई को आयकर कानून, 1961 की धारा 12AA (3) के तहत दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया था. पीएफआई को यह पंजीकरण अगस्त, 2012 में मिला था.

बता दें कि PFI खुद को एक परमार्थ संस्था बताता रहा है जबकि PFI  ये आरोप लगते रहे हैं कि उसके सदस्य कई चरमपंथी तथा देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. सुदर्शन न्यूज लंबे समय से PFI पर पाबंदी लगाने की मांग करता रहा है. अब इसके सार्थक परिणाम आना शुरू हो गए हैं तथा आईटी विभाग ने PFI के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है. बता दें कि यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को देखने के बाद इसे प्रतिबंधित करने के लिए योगी सरकार को प्रस्ताव भेजा था. योगी सरकार ने सहमति जताते हुए प्रस्ताव को केंद्र को भेजा था. पीएफआई के ऊपर उत्तर प्रदेश के लखनऊ और अन्य जिलों में सीएए-एनआरसी प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप भी लगे. इस दौरान पीएफआई के कई नेता गिरफ्तार भी हुए थे.

इसके अलावा गृह मंत्रालय ने 2017 में कहा था कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. इसमें एनआईए की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है. इसके अलावा राज्यों की पुलिस की रिपोर्ट भी एनआईए के पास है, जिसमें इस संगठन पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने और जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगा है.यही नहीं कई रिपोर्ट्स में धर्मांतरण से जुड़े मामलों में भी पीएफआई का नाम लिया जाता रहा है. इसके अलावा दिल्ली दंगों व हाथरस मामले में PFI पर साजिश के आरोप लग चुके हैं.

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