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जिस AMU में भारतमाता के टुकड़े करने वाले जिन्ना का होता है सम्मान, वहां अपमान हुआ श्रीराम भक्त कल्याण का ... चिपकाए गए पोस्टर

बता दें कि AMU के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने कल्याण सिंह के निधन के बाद प्रेस रिलीज जारी करके श्रद्धांजलि दी थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में 'नफरत' वाले पोस्टर लगाए गए हैं.

Abhay Pratap
  • Aug 25 2021 7:13PM

अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी की स्थापना के पीछे उस समय के कथित बुद्धिजीवियों का भले ही कुछ भी उद्देश्य रहा हो, लेकिन अब इसमें पढ़ने वाले कुछ अति चरमपंथियों का जो भी रूप सामने दिखाई दे रहा है उसको किसी भी रूप में राष्ट्रहित में तो कतई नहीं कहा जा सकता है. 2018 में AMU उस समय अचानक से सुर्ख़ियों में आया था जब वहां के छात्रों ने भारत का बंटवारा कर पाकिस्तान बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने से इनकार कर दिया था.

अब वही AMU एक बार फिर सुर्खियों में है लेकिन वजह इस बार भी मजहबी चरमपंथ की ही है. खबर के मुताबिक़, जिस AMU में जिन्ना का सम्मान हुआ तथा उसकी तस्वीर हटाने से इंकार कर दिया गया था, उसी AMU में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीराम भक्त कल्याण सिंह का अपमान हुआ है. कल्याण सिंह जी के निधन पर AMU में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसे लेकर मजहबी चरमपंथी भड़क उठे हैं.

AMU के वाइस चांसलर के खिलाफ कैंपस में पोस्टर लगे हैं और कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताने को लेकर वाइस चांसलर की निंदा की गई है. बता दें कि AMU के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने कल्याण सिंह के निधन के बाद प्रेस रिलीज जारी करके श्रद्धांजलि दी थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में 'नफरत' वाले पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर लगाने वालों ने खुद को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र बताया है और कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस का दोषी बताया है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में ये पोस्टर जगह-जगह लगाए गए हैं.

AMU कैंपस में चिपकाए गए पोस्टर्स में लिखा है कि पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन के बाद वाइल चांसलर की श्रद्धांजलि ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है क्योंकि ये AMU की मान्यताओं, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है. कल्याण सिंह न सिर्फ बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषी हैं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवज्ञा के भी दोषी हैं. वाइस चांसलर की श्रद्धांजलि ने पूरे AMU की परंपरा और अलीगढ़ आंदोलन को बदनाम किया है जो न्याय और पारदर्शिता में भरोसा रखता है.

पोस्टर में आगे लिखा गया है कि हम वाइस चांसलर के शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं क्योंकि वो एक ऐसी पार्टी के नेता का समर्थन कर रहे हैं जो फासिज्म में भरोसा करती है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र और इतिहास कभी उन्हें माफ नहीं करेगा. कैंपस में लगाए गए पोस्टर्स में यूनिवर्सिटी एडमिश्निट्रेशन द्वारा इस तरह शोक संवेदना व्यक्त करना भावनाओं को आहत करने वाला है क्योंकि पूर्व में जो हुआ है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है. यह ALIG बिरादरी की भावनाओं पर चोट करने जैसा है.

कैंपस में लगाए गए पोस्टर्स हिंदी, इंग्लिश और उर्दू भाषा में हैं. अब इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया भी शेयर की जा रही हैं तथा लोग कल्याण सिंह का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग कर रहे हैं. बता दें कि यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का शनिवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक रखा गया था. लेकिन एएमयू में कुलपति द्वारा उनके निधन पर शोक जताने का मजहबी उन्मादी मानसिकता से ग्रसित लोगों द्वारा विरोध किया गया है.

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