भारत और भारत के वीर अपनी शौर्यगाथा के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। चाहे दुश्मनो से दो-दो हाथ करने की बात हो या देश के नागरिको की मदद-सुरक्षा की, हिन्द के 'जवान' हमेशा 'बलवान' ही बने रहते है। हिन्द के जवानो को पाकिस्तान के कायर आतंकवादियों के साथ चीन के घुसपैठ सैनिको को भी धूल चटनी पड़ती है जिसके कारण भारत के जवानो का काम और उनका कर्तव्य कही गुना बढ़ जाता है।
बीते 2020 में गलवान घाटी में हुए भारत और चीन के सैनिको के बीच हिंसक झड़प में चीनी सैनिक कांटेदार तार से जड़ित एक डंडा लाए थे, जिससे उन्होंने भारतीय सैनिको को काफी नुकसान पहुंचाया था, और बिना किसी गोली बारूद के चीन ने भारत के 20 जवानो को शहीद कर दिया था। इसीलिए उसी वाकये के बाद भारत की कर्मठ सरकार ने हिन्द के जवानो को और बलशाली पर शक्तिशाली बनाने के लिए, ऐसे ही कुछ हथियार बनाने का फैसला लिया था, जिससे चीनी सैनिको को भारतीय जवान ईट का जवाब पत्थर से दे दे। और अब ये हथियार बन के तैयार हो गए है और भारत के सैनिको को और मज़बूत बनाने के लिए अब उपयोग हो सकते है।
दरअसल, अब नोएडा की एक स्टार्टअप फर्म ने कहा कि गलवान घाटी संघर्ष के तुरंत बाद भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें चीनियों से निपटने में सक्षम होने के लिए उपकरण प्रदान करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने सेना को भगवान शिव के 'त्रिशूल' जैसे पारंपरिक भारतीय हथियारों से प्रेरित गैर-घातक हथियारों के रूप में समाधान प्रदान किया है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हमने भारतीय सुरक्षाबलों के लिए अपने पारंपरिक हथियारों से प्रेरित ऐसे ही टैसर और गैर-घातक भी विकसित किए हैं।
चीन को अब मिलेंगा उसी की भाषा में जवाब
दरअसल, वज्र-त्रिशूल ही नहीं बल्कि इनके अलावा भद्र,दंड, सैपर पंच भी तैयार किए जा रहे है, जो बहुत जल्द भारतीय सैनिको को प्रदान कर दिए जायेगे, यानी की अब भारतीय सैनिक चीन के घुसपैठियों को उसी की भाषा में जवाब देने वाली है।