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अब भारत के सड़क और बांध निर्माण पर भी नेपाल को आपत्ति, विरोध को भेजा डिप्लोमेटिक नोट

नेपाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत के सड़क और बांध निर्माण पर आपत्ति जताई है। इसके विरोध को लेकर ओली सरकार ने भारत को एक डिप्लोमेटिक नोट भी भेजा है। जिसमें भारत के इन निर्माणों को नेपाल के लिए खतरा बताया गया है। भारत और नेपाल के बीच नक्शे और नागरिकता कानून को लेकर पहले से ही तनाव जारी है।

Gaurav Mishra
  • Jul 18 2020 6:26PM

चीन की राह पर चल रहे नेपाल ने अब भारत के सड़क और बाधों के बनाने पर आपत्ति जताई है। नेपाल ने तर्क दिया है कि भारत के सड़क और बांध बनाने से उसके क्षेत्र में बाढ़ की समस्या पैदा हो रही है। जबकि सच्चाई यह है कि नेपाल से आए पानी के कारण बिहार के कई हिस्से जलमग्न हैं। वहीं गंडक और कोसी नदी का पानी भी लगातार बढ़ रहा है।

नेपाल ने भारत को भेजा डिप्लोमेटिक नोट

नेपाल के समाचारपत्र कांतिपुर के अनुसार, ओली सरकार ने भारत को बकायदा राजनयिक पत्र (डिप्लोमेटिक नोट) भेजकर सड़क और बांध निर्माण पर आपत्ति जताई है। नेपाल विदेश मंत्रालय ने इस मामले में भारत को डिप्लोमेटिक नोट भेजकर आपत्ति जताई है। वहीं हर साल दोनों देशों के बीच होने वाले बाढ़ और जल प्रबंधन की संयुक्त समिति की बैठक को जल्द आयोजित करने की अपील की गई है।

नेपाली विदेश मंत्रालय ने बताया सामान्य प्रक्रिया

नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरतराज पौड्याल ने कहा कि डिप्लोमेटिक नोट दोनों देशों के बीच किसी जरुरी मुद्दे को लेकर दिया जाता रहा है। इसमें कोई नई बात नहीं है। दोनों देश किसी भी मुद्दे को लेकर आपसी बातचीत के जरिए हल करने में सक्षम है।

सीमा विवाद के बीच भारत की ओर से बाढ़ रोकने में सहायक बांधों के मरम्मत कार्य को रोकने वाले नेपाल ने अब उल्‍टा भारत को ही अपने देश में बाढ़ के लिए जिम्‍मेदार ठहराया है। नेपाल के गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने संसदीय कमिटी की बैठक में कहा कि भारत के 'हस्‍तक्षेप' की वजह से देश के दक्षिण हिस्‍से में प्राकृतिक आपदा आई हुई है।

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