भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच सोमवार रात हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में भारतीय सेना के एक अफसर समेत दो जवान शहीद हो गए. 1975 के बाद बाद पहली बार LAC पर गोली चली है.
भारतीय सेना की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है. इसके मुताबिक, "गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं."
दोपहर 2 बजे सेना करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
1) भारतीय सेना की ओर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरी घटना के बारे में बताया जाएगा. गलवान घाटी में पिछले एक माह से डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया चल रही है. इसी प्रक्रिया के दौरान चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हो गई. सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं थे. गलवान वैली में 6 जून की मीटिंग के बाद सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी. 6 जून को कोर कमांडरों की बैठक हुई थी. इसमें तय हुआ था कि सैनिक पीछे हटेंगे.
2) लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं. बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं की ओर से रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन अब अचानक चीनी सैनिकों की.
3) दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल पर अधिकारिक बंटवारा नहीं हुआ है. लद्दाख में भारतीय सेना की ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसको लेकर चीन ने आपत्ति जताई है. चीन का दावा है कि भारत उसके इलाके में निर्माण कर रहा है.
4) पेंगॉन्ग सो में हिंसक झड़प के बाद पांच मई से ही भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है . पेंगॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा महत्वपूर्ण सड़क बनाने पर चीन ने कड़ा ऐतराज किया था. इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भी चीन ने आपत्ति जतायी थी. इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं .
5) छह जून को लेह की 14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बती सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन के बीच समग्र बैठक हुई थी .