भारतीय सेना और चीन के बीच कल गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं और भारतीय सेना ने इसकी पुष्टी कर दी है. हालांकि इस झड़प में कोई गोली नहीं चली है लेकिन संघर्ष इतना खूनी था कि भारत को अपने 20 अनमोल सैनिकों की शहादत सहनी पड़ी. साफ तौर पर चीन ने वादाखिलाफी की है और विदेश मंत्रालय के बयान से ये साफ है कि लाइन ऑफ एक्शन कंट्रोल (एलएसी) पर जो यथास्थिति थी, चीन उसे बदलना चाहता था.
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि 20 में से 17 सैनिक बेहद गंभीर रूप से घायल थे और हिंसक झड़प के बाद इन्हें वापस लाया गया. पहले 3 जवानों की शहादत की खबर थी फिर 17 जवानों ने दम तोड़ दिया जिसकी वजह से शहीद सैनिकों की संख्या 20 तक पहुंच गई.
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से खबर आई है कि चीन ने एलएसी पर हेलीकॉप्टर भेजा है और अपने सैनिकों को हेलीकॉप्टर के जरिए वापस ले रही है.
चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीह हुए भारतीय सैनिकों के प्रति कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवेदना व्यक्त की है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वह इस मुश्किल समय में सेना के साथ खड़े हैं.
उन्होंने ट्वीट किया,'' कोई भी शब्द उस भावना को व्यक्त नहीं कर सकता जो मैं उन सेना के अधिकारी और जवानों के लिए महसूस कर रहा हूं जिन्होंने देश के लिए जान दे दी. उनके सभी प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना है. हम इस मुश्किल समय में आपके साथ खड़े हैं.
चीन ने क्या कहा
इस घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान भी सामने आया. बीजिंग ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था. चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे.