भारत और इंग्लैंड के बीच 4 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस टेस्ट मैच से पहले हर किसी को उम्मीद थी कि पहले दिन से ही विकेट अपने रंग दिखाना शुरू कर देगा और स्पिनर का पूरे मैच में बोल बाला रहेगा। चेन्नई की पिच से हर कोई इस तरह की आशा रखता है, लेकिन इस बार पिच पाटा निकली जिससे गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिली।
इंग्लैंड ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, जो कि भारतीय पिचों पर हर टीम करती है। इंग्लैंड ने पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए 3 विकेट के नुकसान पर 263 रन बनाए। कप्तान जो रूट ने शानदार शतकीय और सलामी बल्लेबाज सिबली ने 87 रन पारी खेली।
भारतीय फैन्स को उम्मीद थी कि दूसरे दिन भारत जोरदार वापसी करेगा और इंग्लैंड को जल्द समेटने की कोशिश करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंग्लैंड ने दूसरे दिन भी लाजवाब बल्लेबाजी की। कप्तान रूट ने जहां अपने 100वें टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ा वहीं स्टोक्स ने 82 रन की शानदार पारी खेली। दिन का खेल खत्म होने तक मेहमान टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 555 रन बना लिए हैं। मैच के तीसरे दिन इस स्कोर में और इजाफा होगा।
अब इसका सारा दोष विकेट को तो नहीं दिया जा सकता, कहीं ना कहीं टीम इंडिया के खिलाड़ियों से भी गलती हुई है।
टीम इंडिया की सबसे पहली गलती यह रही कि उन्होंने प्लेइंग इलेवन में वॉशिंगटन सुंदर को कुलदीप यादव से ऊपर मौका दिया। सुंदर को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका इसलिए मिला था क्योंकि आर अश्विन चोटिल हो गए थे। वह अश्विन के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट थे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उनका प्लेइंग इलेवन में चुना जाना समझ के परे हैं।
शाहबाज नदीम का प्लेइंग इलेवन में होना एक बार को फिर भी समझ आता है कि चोटिल अक्षर पटेल की जगह उन्हें चुना गया है क्योंकि श्रीलंका दौरे पर इंग्लैंड की टीम बाएं हाथ के ऑफ स्पिनर के सामने जूझता हुई नजर आई थी। लेकिन कुलदीप यादव जैसे स्पिनर को मौका ना देना भारत पर अब भारी पड़ रहा है।
दूसरी गलती भारत की यह रही कि गेंदबाजों ने कुल पहली इनिंग के दौरान 19 नॉ बॉल डाली, इनमें से 8 नॉ बॉल तो स्पिनर शहबाज नदीम और आर अश्विन ने डाली है, वहीं जसप्रीत बुमराह ने 6 और इशांत शर्मा के नाम 5 नॉ बॉल हैं। अब एक इनिंग में गेंदबाज इतनी नॉ बॉल डालेंगे तो टीम को कहीं ना कहीं तो परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ेगा।
अच्छी बात यह है कि इनमें से किसी भी गेंद पर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज आउट नहीं हुआ, अगर ऐसा होता तो ये दर्द और बढ़ सकता था। इशांत शर्मा ने जब लगातर दो गेंदों पर जोस बटलर और जोफ्रा आर्चर को बोल्ड किया था तो वह हैट्रिक पर पहुंच गए थे और उन्होंने हैट्रिक वाली गेंद भी नॉ बॉल डाली थी। उस बॉल पर इशांत शर्मा को विकेट नहीं मिली, अगर बल्लेबाज उस पर आउट हो जाता तो इशांत तो लंबे समय तक इसका दूख रहता।