IMA का PM मोदी को पत्र, कहा- रामदेव के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों के तहत करें कार्रवाई
रामदेव को लेकर आईएमए ने लिखा कि बेहद दुख के साथ हम ये आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि एक वीडियो में दावा किया गया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद भी 10,000 डॉक्टरों की मौत हो गई और एलोपैथिक दवाओं के चलते लाखों लोगों की मौत हो गई वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के मालिक रामदेव का है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पतंजलि के मालिक बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने की मांग की है. चिट्ठी में IMA ने बाबा रामदेव पर भ्रामक सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया है. पत्र में मांग की गई है कि रामदेव ऐसे गलत सूचनाओं वाले अभियान को रोकें. बता दें कि एक वीडियो में बाबा रामदेव कथित तौर पर कहते नजर आ रहे हैं कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी 10 हजार डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे अपने पत्र में कहा कि आईएमए लगातार 18 वर्ष से आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने के लिए आपकी प्रतिबद्धता को लेकर संदेश दे रहा है. भारत सरकार और मॉर्डन मेडिकल हेल्थ केयर पेशेवरों के चलते आज भारत में करीब 20 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है, जो कि दुनिया का सबसे तेज टीकाकरण है. हम भारत में ही वैक्सीन बनाने और अन्य देशों के टीकों को भारत में इस्तेमाल करने की इजाजत देने की पहल के लिए भी आपके शुक्रगुजार हैं.
टीकाकरण करने वालों को खतरा कम
आईएमए ने लिखा कि यह राहत की बात है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराकें ले ली हैं उनमें से सिर्फ 0.06 फीसदी में ही कोरोनावायरस के चलते बहुत हल्का संक्रमण देखने को मिला और बहुत ही कम लोगों को फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हुआ. पत्र में आगे लिखा गया कि यह बात बखूबी साबित हो गई है कि वैक्सीन से हमारे लोगों की जान बच सकती है और देश में गंभीर संक्रमण के मामलों में कमी आ सकती है.
आईएमए ने पीएम मोदी के सभी संबोधनों में टीकाकरण की उपयोगिता और कोविड के अनुकूल व्यवहार करने की सलाह देने के लिए आभार व्यक्त किया. इसके साथ ही आईएमए ने आगामी रविवार को होने वाले मन की बात कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने ऐसा कहने की अपील की.
रामदेव को लेकर आईएमए ने लिखा कि बेहद दुख के साथ हम ये आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि एक वीडियो में दावा किया गया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद भी 10,000 डॉक्टरों की मौत हो गई और एलोपैथिक दवाओं के चलते लाखों लोगों की मौत हो गई वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के मालिक रामदेव का है.
सरकार की गाइडलाइंस का पालन कर रहे डॉक्टर्स
आईएमए ने लिखा कि हम मॉर्डन मेडिकल साइंस के पेशेवर अस्पतालों में लाखों लोगों के उपचार के लिए आईसीएमआर या फिर नेशनल टास्क फोर्स की बनाई और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल का पालन करते हैं. अगर कोई ऐसा दावा करता है कि एलोपैथिक दवाओं से लोगों की जानें गई हैं तो यह मंत्रालय को चुनौती देने जैसा है जो कि प्रोटोकॉल जारी करता है.
आईएमए ने आगे लिखा इस कोरोना के युद्ध में जैसा कि हमारे डॉक्टर्स फ्रंटलाइन पर रहकर सेवा कर रहे हैं. हमने पहली वेव में 753 और दूसरी वेव में 513 डॉक्टर्स को खोया है. फर्स्ट वेव में किसी को भी वैक्सीन नहीं लगी थी जबकि सेकेंड वेव में जिन डॉक्टरों ने जान गंवाई है वह विभिन्न कारणों से वैक्सीन नहीं ले सके थे. इस तरह का दावा कि 10000 लोगों की वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बाद मौत हो गई यह टीकाकरण के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों को ध्वस्त करने जैसा है और इसको रोका जाना बेहद जरूरी है.
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