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प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में बोले गृह मंत्री अमित शाह- 'पीएम मोदी का जीवन पारदर्शी, जोखिम उठा कर लेते है फैसले'

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक जीवन में आने के बाद तीन हिस्से किए जा सकते हैं। पहला संगठन से जुड़ा काम, दूसरा गुजरात के सीएम के रूप में और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में जब आकर वो प्रधानमंत्री बने।

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 10 2021 12:52PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तारीफों के पुल न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व में सभी लोग बांधते है।  पीएम मोदी की ईमानदारी,उनकी कर्त्तव्यनिष्ठता, हाज़िरजवाबी और 71 वर्ष की 'आयु' में भी 'वायु' की गति की तरह काम करने की लगन ही उनके साफ़ चरित्र की कहानी गड़ते है। 

हाल ही में संसद टीवी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, पीएम मोदी की तारीफ किए बिना रह नहीं पाए। गृह मंत्री अमित शाह ने कई ऐसी बाते बताई, जिससे ये साफ़ जाहिर होता है कि पीएम न सिर्फ कर्मठ बल्कि अपने देशवासियो के लिए लगनशील भी है। 

पीएम मोदी के तीनों कालखंड चुनौतीपूर्ण: शाह

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के ये तीनों कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे।  जब पीएम को भाजपा में भेजा गया, वो संगठन मंत्री बनें तो उस समय भाजपा की स्थिति सही नहीं थी। गुजरात कोई पहले से भाजपा के अनुकूल राज्य नहीं था। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने धैर्यपूर्ण तरीके से प्रशासन की बारीकियों को समझा और विशेषज्ञों को प्रशासन के साथ जोड़ा उनकी चीजों को योजनाओं में तब्दील किया और उन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया।

शाह ने कहा कि गुजरात में सबसे ज्यादा आदिवासी उपेक्षित थे। कांग्रेस ने उनका वोटबैंक की तरह इस्तेमाल तो किया लेकिन कभी उन तक विकास नहीं पहुंचाया। पीएम मोदी  ने पहली बार 2003 के बजट में सारी बिखरी हुई योजनाओं को जोड़ा और संविधान के अनुसार उनकी जनसंख्या के हिसाब से उनको अधिकार दिए। नरेंद्र मोदी के गुजरात में सफल मुख्यमंत्री काल के दौरान देश के लोगों में आशा की किरण जागी कि मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम में कोई दोष नहीं है, ये सफल हो सकती है। ये अंतिम व्यक्ति तक जा सकती है। 

जोखिम लेकर फैसले करते हैं मोदी : गृह मंत्री 

ये सब वो फैसले हैं जो इससे पहले लेने में सरकारें डरती थीं, लेकिन पीएम मोदी ने इसे निर्भिक रूप से लिया. गृह मंत्री ने कहा कि वो ये सब फैसला इसिलिए ले पाए कि उनका लक्ष्य सरकार चलाना नहीं, बल्कि जनता की भलाई था.

उनका दलगत स्वार्थ और व्यक्तिगत स्वार्थ से विश्वास में कमी आती है. उनमें ये दोनों ही नहीं हैं. पीएम मोदी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है. उनका मानना है और कईं बार उन्होंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं केवल सरकार चलाने के लिए नहीं. हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है.

‘दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था’

गृह मंत्री ने कहा, यूपीए की सरकार में हर क्षेत्र में देश नीचे की ओर जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, नीतिगत फैसले महीनों तक सरकार की आंतरिक कलह में उलझते रहते थे, एक मंत्री महोदय तो 5 साल तक कैबिनेट में नहीं आए. ऐसे माहौल में मोदी जी ने देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला, आज सारी व्यवस्थाएं अपनी जगह पर सही हो रही हैं

  उन्होंने कहा, 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है. वो इसलिए नहीं डरते हैं कि सत्ता में बने रहना लक्ष्य नहीं है, एकमात्र लक्ष्य ‘राष्ट्र प्रथम’ को लेकर वो चलते हैं.

अमित शाह ने कहा कि जब वो भारत के प्रधानमंत्री बने उस समय देश हर क्षेत्र में लगातार नीचे जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा लचर थी. ऐसे माहौल में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और आज हम देखते हैं कि 7 साल के अंदर सारी व्यवस्थाएं अपनी अपनी जगह सही हैं.

 

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