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एक्शन में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ... मियां घुसपैठियों ने कब्जाई थी जो जमीन, उस पर चलवाया बुलडोजर

सम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा था कि भाजपा को राज्य के चुनावों में जीतने के लिए बंगाली मूल के मुस्लिम समुदाय से वोट की जरूरत नहीं है.

Abhay Pratap
  • Jun 10 2021 4:16PM

असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही जैसा कि हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनका मुख्य लक्ष्य असम को संक्रमित कर रहे थे घुसपैठियों से राज्य को बचाना होगा, उन्होंने उस पर काम शुरू कर दिया है. दूसरे शब्दों में कहें तो असम के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मियाँ घुसपैठियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ दिया है. खबर के मुताबिक़, मुख्यमंत्री हिमांता सरमा के निर्देशन में राज्य में अवैध कब्जों को हटाने का अभियान जोर-शोर से चल रहा है. इसी क्रम में असम के दारंग जिले के बाद इस बार करीमगंज जिले के पाथरकांडी में अवैध कब्जाधारी घुसपैठियों को बेदखल किया गया है.

प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, असम के करीमगंज जिले में ‘मियाँ मुस्लिमों’ द्वारा जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को 8 जून मंगलवार को हटा लिया गया है. बता दें कि जिला करीमगंज स्थित पाथरकांडी के छोलमोना गाँव में वन विभाग की जमीन पर मियाँ मुस्लिमों द्वारा कब्जा कर लिया गया था. पाथरकांडी के छोलमोना गाँव में मिया लोगों द्वारा वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर झुग्गी बना ली गई थी. इस बारे में शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने बैठक बुलाई. वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपों की जाँच की जिसमें उन्हें इस बात के प्रमाण मिले कि यह बस्ती अवैध रूप से बसाई गई थी.

इसके बाद प्रशासन के अधिकारी जेसीबी मशीन लेकर छोलमोना गाँव पहुँचे और अवैध निर्माण को तोड़ा गया. जानकारी के मुताबिक़, वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर 35 अवैध घरों को बुलडोजर से खाली कराया. आपको ये भी बता दें कि असम के लोग समुदाय विशेष अर्थात मुस्लिम घुसपैठियों को ‘मियाँ’ के नाम से बुलाते हैं. वे ऐसी भाषा बोलते हैं जो न तो बंगाली है और न ही असमिया. असम के स्थानीय लोग लगातार इन मियां घुसपैठियों से राज्य को बचाने की गुहार लगाते रहे हैं, जिस पर हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा प्रखर हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं. असम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा था कि भाजपा को राज्य के चुनावों में जीतने के लिए बंगाली मूल के मुस्लिम समुदाय से वोट की जरूरत नहीं है. सरमा ने कहा था कि मियाँ मुस्लिम समुदाय असमिया संस्कृति, भाषा और समग्र भारतीय संस्कृति को चुनौती दे रहा है तथा वह असम की जमीन को इन कब्जाधारियों के चंगुल से मुक्त कराएंगे. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने प्रमुख वादे को पूरा करना शुरू कर दिया है. करीमगंज से पहले दारंग जिले में भी घुसपैठियों द्वारा कब्जाई गई जमीन को मुक्त कराया गया था.

 

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