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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को किया ख़ारिज, कहा- यह इस्लाम का हिस्सा नही

कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है।

Geeta
  • May 6 2022 11:54AM

देशभर में लाउडस्पीकर विवाद पर काफी विवाद चल रहा है. वहीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर अर्जी दाखिल की गई थी. लेकिन इस पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज किया।

कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है।

दरअसल, बदायूं के बिसौली तहसील के धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था. एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत वाली अर्जी को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी. अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया और अर्जी को खारिज कर दिया.

इलाहबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है. इलाहबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं हैं.

हाईकोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाते हुए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. इलाहबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने अजान के लिए लाउडस्पीकर की इजाजत दिए जाने से इनकार किया. 

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