ये वो समय है जब भारत और चीन की सेनायें लद्दाख से ले कर कई अन्य मोर्चों पर आमने सामने आ कर खड़ी हो गई हैं. ये वही समय है देश देश निर्णायक स्थित में आ कर खड़ा हो गया है जब उसने तय कर लिया है कि किसी भी हाल में चीन की दादागीरी अब भविष्य में सहन नहीं किया जाएगा.. इस समय देश को एकजुटता दिखाने की आशा थी लेकिन वामपंथी वर्ग द्वारा अब तक चीन के विरुद्ध कोई बयान नहीं आया है और सबसे ख़ास बात ये है कि पुलवामा जैसा ही एक अन्य हमला कश्मीर में कर के संभवतः एक संदेश देने का प्रयास किया गया है कि यदि युद्ध होता है तो गद्दारों का एक वर्ग किसकी तरफ से खड़ा मिलेगा.. यद्दपि ये तय नहीं है लेकिन एन उसी मौके पर ब्लास्ट कर के यकीनन एक संदेश देने का प्रयास किया गया है चीन को कि उस से किसी भी टकराव के समय ये गद्दार किस की तरफ से लड़ेंगे.
कश्मीर में एक बार फिर से पुलवामा दोहराने से बच गया है. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया। पुलवामा के पास एक सैंट्रो गाड़ी में IED (इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस) रखी गई थी, जिसकी समय रहते हुए पहचान कर ली गई और बम डिस्पोज़ल स्क्वायड ने वक्त रहते ही बम को डिफ्यूज़ कर दिया, जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। जल्द ही एनआईए इस इलाके का दौरा करेगी और इस इस मामले की पूरी जांच होगी। इस गाड़ी को एक आतंकी चला रहा था, जो कि गोलीबारी के बाद अंधेरे में ही भाग गया फिर इस गाड़ी को पुलवामा के रजपुरा रोड के पास शादीपुरा में पकड़ा गया।
बम डिस्पोज़ल यूनिट को बुलाने से पहले आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया। इससे पहले पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमला किया गया था, जिसमें एक गाड़ी में बम रखा गया था और उसे CRPF के काफिले में घुसा दिया गया था, फरवरी 2019 में हुए उस आतंकी हमले में करीब 45 जवान बलिदान हो गए थे। उसी तरह आज आतंकी फिर से आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया । पिछले कुछ महीनों से लगातार आतंकियों की ओर से कई तरह की कोशिशें जा रही है, कि कैसे जम्मू-कश्मीर की शांति व्यवस्था को भंग किया जाए और इसी के चलते बड़े आतंकी हमले की साजिश के लिए आतंकी, जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में छुपे बैठे हैं। सुरक्षाबल इन्हें ढूंढ कर इनका एनकाउंटर कर रही है।