उत्तराखंड में लगातार हो रही बरसात में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है जहां एक तरफ बरसात के कारण मैदानी इलाकों में घरों में पानी भर रहा है वहीं दूसरी तरफ पर्वतीय जनपदों में भूस्खलन और बरसात के कारण सैकड़ों की संख्या में रास्ते बंद हो गए हैं कई जगहों पर तो रास्ते पूरी तरह क्षति ग्रस्त हो चुके है जिनको ठीक करने में खासी दिक्कत आ रही है। लोक निर्माण विभाग भूस्खलन के कारण बंद हुई सड़कों को लगातार खोलने का काम कर रहा है मौजूदा वक्त में लगभग 95 सड़के पूरी तरीके से बंद है जिनको खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग ने हजारों की संख्या में कर्मचारियों और लगभग 400 मशीनों को लगा रखा है लेकिन जिस तरह से बरसात हो रही है उसके कारण जो सड़कें और मार्ग खोले जा रहे हैं वह फिर से मलबा आ जाने के कारण बंद हो रहे हैं जिसके कारण विभाग और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में बरसात के कारण हर वर्ष बहुत सारी सड़कें टूट जाती हैं इस साल भी बरसात और भूस्खलन के कारण कहीं सड़कें टूट गई हैं जिनको ठीक कराने के लिए विभाग की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के विभाग अध्यक्ष हरिओम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष बरसात के कारण सड़कें टूटने से जो नुकसान हुआ है उस नुकसान का आकलन किया गया है लगभग 108 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है जिसके लिए विभाग कि और से राज्य सरकार से इस पैसे की मांग की गई है जिसके मिलने के बाद रास्तों को ठीक करने का काम तेजी के साथ किया जाएगा।
उत्तराखंड में हर साल बरसात में रास्ते टूटने से करोड़ों रुपए का नुकसान होता है और लोगों को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इस सबके बीच रास्ते खराब होने के कारण लंबे लंबे जाम भी लग जाते है इतना ही नहीं चार धाम यात्रा में यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है हालाकि सरकार आल वेदर रोड बना रही है लेकिन सवाल ये उठता है कि ये समस्या कब दूर होगी ।