निजी स्कूल के बच्चे के महगें पढ़ाई .
बिहार मे एक़ तहफ 250 - 400 रुपए मे सरकारी बुक दिया जाता हैं .जो बच्चे के अभिभाबक नहीं दे पा रहे है .दुसरी तरफ़ निजी स्कूल मोटी फ्री ऊंचे दाम की पुस्तक ले रहे हैं .
करोना महामारी को ले कर लोक अप मे शिक्षा सिस्टम रहा .कोचिंग के निजी शिक्षक को मुख्य धारा से नहीं जोड़ा गया .भूख मरी के कगार पर आ चुका कोचिंग निजी स्कूल को ताला लग चुका हैं .शिक्षा मंत्री बिहार समस्तीपुर जिले से हैं .पुरे बिहार के निजी शिक्षण सिस्टम को सरकार के तरफ़ से ऑक्ससीजन देने की बात होनी चाहिए .क्या सरकारी शिक्षक के बच्चे सरकारी स्कूल मे पाटण करते हैं ?फिर 35 - 90 हज़ार /माह पाने बाले शिक्षक को 5- 30 हज़ार बाले से तुलना क्यों ? शिक्षा अच्छी और सत्य सही हो सस्ती हो विचार होनी चाहिए .
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