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भारत-चीन की हिंसक झड़प में दोनों देशों को उठाना पड़ा नुकसान: विदेश मंत्रालय

अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि भारत और चीन के सीनियर कमांडरों के बीच 6 जून को बैठक हुई थी. इसके बाद ग्राउंड स्‍तर के कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं. उन्‍होंने कहा क‍ि इन सब बातचीत के बीच हमें उम्‍मीद थी कि सब अच्‍छा होगा.

Abhishek Lohia
  • Jun 16 2020 11:38PM
पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी (Galwan Valley) पर चल रहे तनाव को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और चीन (India and China) के बीच सैन्‍य और कूटनीतिक स्‍तर पर बातचीत जारी है. तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है.

अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि भारत और चीन के सीनियर कमांडरों के बीच 6 जून को बैठक हुई थी. इसके बाद ग्राउंड स्‍तर के कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं. उन्‍होंने कहा क‍ि इन सब बातचीत के बीच हमें उम्‍मीद थी कि सब अच्‍छा होगा.

इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ
विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा क‍ि गलवान घाटी में चीनी सेना एलएसी का सम्‍मान करते हुए पीछे हटने लगी थी. लेकिन 15 जून को चीन के द्वारा स्थिति बदलने लगी, जिसके बाद हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं. हालांकि इससे बचा जा सकता था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं. हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं.'

सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक भारतीय कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए. श्रीवास्तव ने कहा, 'हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए.' उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.'

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और 2 जवान शहीद हो गए. सेना ने यह जानकारी दी. बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे. यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं.

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