भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों ही देशों के में तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्री ने पुणे के युवाओं के साथ भारत के वैश्विक उदय और बेहतर अवसरों के बारे में बातचीत के दौरान कहा कि, सीमाएं सुरक्षित नहीं हो जाती, तब तक सेनाएं वहीं रहेगी.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कोविड के दौरान चीन ही था जिसमें समझौते का उल्लंघन किया था. इस समझौते के तहत सीमा पर कोई हथियार तैनात नहीं किया जाना था. जयशंकर ने आगे कहा कि भारत चाहता है कि सीमा स्थिर रहे और दोनों देशों के बीच तनाव कम रहे.
उन्होंने बताया कि पहले के समझौते के अनुसार, सीमा पर कोई बड़ा हथियार तैनात नहीं किया गया था. लेकिन चीन ने पहले इसका उल्लंघन किया. जब तक सीमा नहीं है, सुरक्षाएं वहां हैं और वहीं रहेंगी.
जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन से मुकाबला करना होगा, जिसके लिए नई दिल्ली के पड़ोसी देश भी समर्थन करेंगे. हमें चीन से मुकाबला करना होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है. हमारे पड़ोसी देश हमारी विरोधी विचारधारा का समर्थन कर सकते हैं. हम सभी को स्पष्ट होना चाहिए कि कई मायनों में भारत और चीन बहुत अनोखे हैं.
उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत आर्थिक रूप से दुनिया पर हावी रहता था, लेकिन फिर पश्चिमी शक्तियां आईं और हम कठिनाई से गुजरे. लेकिन आज, अर्थव्यवस्था के नाम पर चीन दूसरे नंबर पर है तो भारत पांचवें नंबर पर. आने वाले 2 या 3 साल में हम टॉप 3 पर होंगे और ये हकीकत है. पाकिस्तान की तरह ही चीन भी भारत का पड़ोसी है, और सीमा समझौता इसके साथ भी एक समझौता और चुनौती है.