विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता निश्चित रूप से मिलेगी. हालांकि देश को इसके लिए इस बार कड़ी मेहनत करनी होगी. पूरी दूनिया में इस तरह की भावना है कि भारत को यह जगह मिलनी चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना लगभग 80 वर्ष पहले हुई थी और पांच देशों- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका ने आपस में सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का फैसला कर लिया था. उन्होंने बताया कि उस वक्त दुनिया में लगभग 50 स्वतंत्र देश थे जो अब बढ़कर 193 हो गए हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इन पांच देशों ने UN नियंत्रण रखा और अजीब बात है कि आपको कुछ भी बदलाव के लिए उनसे कहना पड़ता है और मंजूरी लेनी पड़ती है. साथ ही बताया कि ये कई सालों से यह चल रहा है.
उन्होंने कहा कि अब पूरी दुनिया में इस तरह की चाहत है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव होना चाहिए. साथ ही भारत को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है लोगों की यह भावना हर साल बढ़ रही है.
जयशंकर ने कहा कि हम निश्चित रूप से इसे हासिल करेंगे, लेकिन बिना परिश्रम के कुछ बड़ा हासिल नहीं किया जाता. हमें इसके लिए कठिन परिश्रम करना होगा और इस बार हमें कड़ी मेहनत करनी होगी. उन्होंने बताया कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र के सामने मिलकर एक प्रस्ताव रखा है और उन्हें लगता है कि इससे स्थायी सदस्यता का मामला आगे बढ़ेगा.