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केरल में पेप्सिको ने बंद किया अपना प्लांट

पेप्सिको ने केरल के पलक्कड़ में अपना उत्पादन कारखाना बंद करने का निर्णय लिया है. मजदूरों द्वारा हड़ताल और लगातार विरोध प्रदर्शन की वजह से पेप्सिको को यह कारखाना बंद करना पड़ा है. इससे करीब 500 लोग बेरोजगार हो गये हैं.

Abhishek Lohia
  • Sep 24 2020 12:36PM

पेप्सिको ने केरल के पलक्कड़ में अपना उत्पादन कारखाना बंद करने का निर्णय लिया है. मजदूरों द्वारा हड़ताल और लगातार विरोध प्रदर्शन की वजह से पेप्सिको को यह कारखाना बंद करना पड़ा है. इससे करीब 500 लोग बेरोजगार हो गये हैं. अशांति की वजह से ही इस साल 22 मार्च से ही कंपनी ने इस कारखाने में तालाबंदी कर दी थी. इसके करीब 15 साल पहले सॉफ्ट ड्रिंक की दूसरी प्रमुख कंपनी कोक भी राज्य में अपना प्लांट बंद कर चुकी है. पलक्कड़ में पेप्सिको का कारखाना उसकी फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज लिमिटेड के द्वारा संचालित किया जा रहा था. आखिरकार कंपनी ने राज्य के श्रम विभाग को इसे बंद करने का नोटिस दे दिया. 

दक्षिणपंथी से लेकर वामपंथी तक, सभी संगठन कर रहे थे विरोध 

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस कारखाने में पिछले साल दिसंबर से ही मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे. इनमें माकपा से जुड़े CITU, कांग्रेस से जुड़े INTUC और आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ के सदस्य शामिल थे. इन संगठनों की मांग थी कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर को बेहतरीन कार्यदशा और वेतन बढ़ोतरी की सुविधा दी जाए. उनकी इस मांग पर एक साल से कंपनी ने कोई निर्णय नहीं लिया था. 

इसके लिए दिसंबर से ही 110 रेगुलर कर्मचारियों के साथ 280 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर प्रदर्शन कर रहे थे जिसकी वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा था. इसके बाद 22 मार्च से प्रबंधन ने कारखाने में तालाबंदी कर दिया. 

यह कारखाना साल पलक्कड के इंडस्ट्रियल बेल्ट कांजिकोड में साल 2001 में स्थापित हुआ था. इसमें पेप्सी ब्रैंड के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और सॉफ्ट ड्रिंक का उत्पादन किया जा रहा था. तमाम तरह के फायदों और वेतन बढ़ोतरी की कर्मचारियों द्वारा लगातार मांग को देखते हुए साल 2019 में पेप्सिको ने इस प्लांट का कामकाज अपने बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेजेज को सौंप दिया. 

सूत्रों के मुताबिक इस साल फरवरी में कारखाने में हड़ताल के बाद इस यूनिट को घाटा होने लगा जिसकी वजह से प्रबंधन ने इसे बंद करने का निर्णय लिया. इसके बाद प्रबंधन से जुड़े लोगों पर हमले भी किये गये. 

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