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भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का निधन

कॉस्ट्यूम डिजाइनर और भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का आज निधन हो गया. 91 वर्षीय अथैया लंबे समय से बीमार थीं और आज उन्होंने मुंबई के कोलाबा स्थित घर में आखिरी सांस ली.

Abhishek Lohia
  • Oct 15 2020 8:55PM
कॉस्ट्यूम डिजाइनर और भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का आज निधन हो गया. 91 वर्षीय अथैया लंबे समय से बीमार थीं और आज उन्होंने मुंबई के कोलाबा स्थित घर में आखिरी सांस ली.

भानु अथैया पहली ऐसी भारतीय शख्सियत थीं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिये जानेवाले ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था. 'गांधी' के लिए एक कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पर उन्होंने जॉन मोलो के साथ सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर का ऑस्कर अवॉर्ड साझा किया था. इस फिल्म को कुल आठ ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था. रिचर्ड एंटनबरो की विश्वविख्यात फिल्म 'गांधी'  1982 में‌ रिलीज हुई थी

भानु अथैया की बेटी राधिका गुप्ता ने अपनी मां की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, "मां को साल 2012 में ब्रेन ट्यूमर हुआ था, लेकिन‌ उन्होंने उस वक्त अपनी बीमारी की सर्जरी कराने से इनकार कर दिया था. ऐसे में 2015 में वो लकवे का शिकार हो गयीं और वो तभी से चलने-फिरने की हालत में नहीं थीं. मां की आज सुबह उस वक्त हुई जब वो नींद में थीं. मौत के वक्त उनके चेहरे पर एक किस्म की शांति थी." आज दोपहर में चंदनवाड़ी शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.

अगर हिंदी फिल्मों की बात की जाये तो भानु अथैया की अंतिम फिल्मों में 2001 में रिलीज हुई 'लगान' और 2004 में रिलीज हुई 'स्वदेश' का शुमार रहा. ये दोनों ही फिल्में जाने-माने निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने निर्देशित कीं थीं. इसके लगभग 10 साल बाद उन्होंने मराठी फिल्म 'नागरिक के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किये थे, जो उनकी आखिरी फिल्म थी.

गौरतलब है कि भानु अथैया ने बतौर कॉस्ट्यूम डिजाइनर गुरू दत्त द्वारा निर्देशित और 1956 में आई फिल्म 'सीआईडी' से अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने गुरू दत्त की 'प्यासा', 'चौदहवीं का चांद' और 'साहिब बीवी और गुलाम' के लिए भी कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग की थी.

गुरू दत्त के अलावा उन्होंने अपने दौर के ज्यादातर प्रतिष्ठित फिल्मकारों के साथ काम किया, जिनमें यश चोपड़ा, बी आर चोपड़ा, विजय आनंद जैसे कई नामों का शुमार रहा. उन्हें 1991 और 2002 में सर्वप्रथम कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था.

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