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पाकिस्तान की 'महबूबा' के बाद अब 'जिहादी विद्यार्थियों' के समर्थन में उतरे पाकिस्तान पर 'फक्र' करने वाले 'फ़ारुक़',बोले-कभी भी फट सकता है कश्मीर

नेकां अध्यक्ष ने कहा कि जो सरकार जनता पर अत्याचार करती है, उसे जाना ही पड़ता है। उन्होंने रामायण और कुरान से उदाहरण देते हुए कहा कि वो वक्त कब आएगा वे कह नहीं सकते, लेकिन लोग संयम रखें। अत्याचार पर ईश्वरीय न्याय जरूर होगा।

Kartikey Hastinapuri
  • Oct 27 2021 8:06AM

बीते दिनों हुए भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान ने भारत को करारी शिकस्त दी, जिसके कारण भारतीय प्रशंसकों और भारतीय जनता का मुँह उतर गया था। लेकिन देश में कुछ 'गद्दार' ऐसे भी थे, जो पाकिस्तान की जीत पर 'गद-गद' हो रहे थे।  जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में तो एक मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं ने जीत के जश्न में पटाखे भी फोड़े, जिसको लेकर तमाम 'विवादित' विद्यार्थियों पर UAPA के तहत मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है। 

इसी के बीच इन विद्यार्थियों के समर्थन में अभी तक 'महबूब' पाकिस्तान की 'महबूबा' इन विद्रोहियों के साथ आ चुकी है, लेकिन अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुक़ अब्दुल्लाह भी इन छात्रों के समर्थन में उतर आये है। दरअसल, एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्लाह ने छात्रों का बचाव किया, वहीं केंद्र की मोदी सरकार को भी घेरा।

अब्दुल्लाह बोले- 'पाकिस्तान की जीत नहीं, भाजपा को चिढ़ाने के लिए फोड़े पटाखे'

'जिहादी' विद्यार्थियों के समर्थन में बोलते हुए फ़ारुक़ अब्दुल्लाह ने कहा की -" मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने जो जश्न मनाया, पटाखे फोड़े वो पाकिस्तान की जीत के लिए नहीं बल्कि भाजपा को चिढ़ाने के लिए था। " साथ ही अब्दुल्लाह ने कहा कि-" ऐसा करके कश्मीर के युवा सिर्फ ये बताना चाह रहे है कि भाजपा सरकार को अनुच्छेद 370 फिर से लागू करना ही होगा। "

कश्मीर की स्थिति ज्वालामुखी जैसी, कभी भी फट सकता है : अब्दुल्लाह 

जनता को संबोधित करते हुए अब्दुल्लाह यहाँ तक कह गए कि कश्मीर अब एक ज्वालामुखी बनता जा रहा है, अगर फिर से यहाँ अनुच्छेद 370 लागू नहीं किया गया तो ये कभी भी फट सकता है। 

सैंडविच बन रहा कश्मीर : अब्दुल्लाह 

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान जंग की तैयारी पर अपने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग इसमें सैंडविच बन रहे हैं। ऐसे हालात में गरीब लोग पिस रहे हैं। दोनों मुल्कों की दुश्मनी ही हिंदू और मुसलमान में दरारें पैदा कर रही है।

महबूबा भी कर चुकी है छात्रों का समर्थन 

वहीं जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो छात्रो पर एफआईआर हुई, उसी के बाद से इस मुद्दे पर कुछ राजनीतिज्ञों का 'मानवीय' प्रेम जाग गया और खुल के समर्थन पर उतर आए। इसी मुद्दे पर महबूबा ने भी ट्वीट किया था कि पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने में इतना गुस्सा क्यों? सरकार को यह पता लगाने का प्रयास करना चाहिए कि यह लोग नाराज क्यों हैं। 

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