किसान कानूनों की वापसी के एलान के बाद पूरे देश में किसान एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सामने आकर ये जानकारी दी कि तीनो कृषि कानूनों को वापस लिया जा रहा है और आगामी संसद के शत्र में संवैधानिक तरीके से भी इसको वापस कर दिया जाएगा। इसी के बाद पीएम ने दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानो से आग्रह किया कि वे अपने गाँव, आपने घर वापस चले जाए।
लेकिन फिर इसके बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट करके अपना बयान जारी किया कि किसान तत्काल प्रभाव से वापस नहीं जायेगे, पहले सरकार उनसे मिलके बातचीत करे। गौरतलब है कि सिंघु बॉर्डर पर आज आगे की रणनीति बनाने पर 32 किसान संगठनों की बैठक होने थी, जिसमे कई घोषणाओं के होने की उम्मीदे थी, लेकिन अब उसे टाल दिया गया है और अब रविवार यानी कल इसके होने कि उम्मीद है।
इन मुद्दों पर हो सकता था विचार
सिंघु बॉर्डर पर आज जो बैठक होनी थी उसमे कई अन्य किसानो मुद्दों पर चर्चा होनी थी, जिसके बाद आगे के किसान आंदोलन की प्रक्रिया के बारे में पता चलता। इसमें MSP पर कानूनी गारंटी, किसानो पर गिरफ्तारी के केसो को वापस करने की मांग का मुद्दा भी शामिल है।
टिकैत बोले-"पीएम इतना मीठा बोल रहे, जैसे शहद"
राकेश टिकैत ने एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि- 'PM मोदी को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं. बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं. प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया. हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता. वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है."