केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच शुरू हुई बैठक खत्म हो गई है. दोनों पक्षों के बीच अब 5 दिसंबर को बातचीत होगी। किसानों ने बैठक में सरकार को सलाह दी है कि वह इन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करें. किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे निहंग सिख, निहंग सिखों ने कहा सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना चाहिए. हम यहीं रहेंगे. हम भी किसान हैं और हम किसानों के साथ खड़े हैं.
डॉ अंबेडकर मेमोरियल पार्क में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है.भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रवक्ता राजीव मलिक ने कहा कि हमारे संगठन के दो लोग आज सरकार के साथ बातचीत के लिए गए हैं. हमने एमएसपी पर गहन चर्चा की है. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बूढ़ी महिलाएं किसानों के विरोध में हैं. क्या वे खालिस्तानी लगती हैं? ये देश के किसानों को एंटी-नेशनल कहने का तरीका है. ये किसानों का अपमान है. उनकी हिम्मत कैसे हुई किसानों को देश विरोधी कहने की.
किसान आंदोलन को लेकर क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि सरकार तीनों कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए. अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे.