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सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू, स्पीकर ने भेजा नोटिस

दरअसल, कांग्रेस ने मंगलवार को सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया. साथ ही उनके वफादार विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी राज्य कैबिनेट से हटा दिया.

Abhishek Lohia
  • Jul 15 2020 12:34PM
सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पार्टी ने कांग्रेस ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्पीकर ने पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा है और 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया है. ये नोटिस विधायकों की सदस्यता खत्म करने के लिए भेजा गया है. सभी बागी विधायकों से पूछा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और कांग्रेस विधायकों की दो बैठकों में शामिल नहीं होने पर उन्हें अयोग्य घोषित क्यों नहीं किया जाना चाहिए?

दरअसल, सोमवार और मंगलवार दो दिन लगातार राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी. इन दोनों ही बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक शामिल नहीं हुए थे. जबकि पार्टी आलाकमान की ओर से लगातार उन्हें मनाए जाने की कोशिश जारी थी.

"मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा हूं"

सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं. पायलट ने कहा, उन्होंने कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की थी. राजस्थान के कुछ नेता इन अफवाहों को हवा दे रहे हैं कि मैं बीजेपी में शामिल होने जा रहा हूं, जबकि यह सच नहीं है.

पायलट को पदों से हटाए जाने पर कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी
पायलट को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने भी मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. पूनिया ने कहा कि युवक कांग्रेस, राष्ट्रीय भारतीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और सेवा दल में विभिन्न पदों पर रहे लगभग 400 से 500 सदस्यों ने ताजा घटनाक्रम के विरोध में इस्तीफा दे दिया है. इस बीच, पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में 50 से ज्यादा कांग्रेसजनों ने भी अपने नेता पर कार्रवाई के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है. पाली जिला कांग्रेस अध्यक्ष चुन्नीलाल चादवास ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.ृ

दरअसल, कांग्रेस ने मंगलवार को सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया. साथ ही उनके वफादार विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी राज्य कैबिनेट से हटा दिया. पायलट पर कार्रवाई के खिलाफ राज्य के गुर्जर समुदाय बहुल कई इलाकों में प्रदर्शन किए जाने की भी खबरें आ रही हैं. गुर्जर बहुल दौसा, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर और भरतपुर में किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है.

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