भारत, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में दलबदल के कारण कांग्रेस की सत्ता से चले जाने और आने वाले दिनों में विधानसभा उप चुनावों के मद्देनजर दलबदल कानून को और अधिक सख्त बनाने की पैरवी की है। उन्होंने यह राय भी व्यक्त की है कि ऐसे लोग जो दलबदल करते हैं, उन्हें 6 वर्ष तक चुनाव लड़़ने की पात्रता नहीं होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस में दूसरी पार्टी से आने और जाने वाले नेताओं को पार्टी से टिकट दिये जाने और कांग्रेस में प्रवेश के संबंध में उनके मत में भिन्नता हैं। हम बात कर रहे हैं चाैधरी राकेश सिंह की, जिनका दिग्विजय सिंह विरोध कर रहे है, जबकि अन्य कांग्रेस नेताओं के कांग्रेस में आने का स्वागत कर रहे है। सोमवार को चौधरी राकेश सिंह ने भी सिंह पर पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि दलबदल कानून को सख्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास को तोड़कर विधायक या अन्य जनप्रतिनिधि दलबदल करता है, तो उसे छह साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करना चाहिए। साथ ही छह साल तक सरकार में किसी भी लाभ के पद से वंचित किया जाना चाहिए।
मप्र में कांग्रेस के और विधायकों के पार्टी छोड़ने की आशंका पर पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि जिनको जाना था, वो चले गए। उन्होंने अपनी पार्टी के उन विधायकों के प्रति आभार जताया, जो गरीब होते हुए भी 25 या 35 करोड़ रुपये में नहीं बिके। दिग्विजय ने प्रेमचंद गुड्डू और बालेंदु शुक्ला के कांग्रेस में वापस लौटने को पार्टी के लिए फायदेमंद बताया, लेकिन भिंड के चौधरी राकेश चतुर्वेदी के मामले में कहा कि अगर मुझसे पार्टी पूछेगी तो मैं कहूंगा कि उन्हें कभी कांग्रेस में न लिया जाए। उन्होंने विधानसभा में ऐसे में समय धोखा दिया, जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा था।