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आज दोपहर 2.30 बजे एक धमाके के साथ ध्वस्त होगा ट्विन टॉवर... जानें लोगों को धमाके के बाद करना पड़ेगा किन परेशानियों का सामना

2010 में RWA ट्विन टावर को लेकर कोर्ट गए मानकों के अनुसार दोनों टावर के बीच 16 मीटर दूरी होनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने अनदेखा कर टावर में 9 मीटर दूरी पर बना दिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगस्त 2021 में दोनों टावर को गिराने का आदेश दे दिया।

Aarti Dixit
  • Aug 28 2022 12:40PM

ट्विन टॉवर जिसका जिक्र आज देश की जनता की जुबां पर बना हुआ है। जिसके चलते लोग बेसब्री से ट्विन टॉवर के ध्वस्त होने का इन्तजार करते नजर आ रहे हैं। देश की जनता की नजरों में ट्विन टॉवर के गिरने का एक सपना सजा कर बैठे है लेकिन उसके ध्वस्त से होने पर शारिरीक और मानसिक नुकसानों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

बता दें कि यूपी में नोएडा के सेक्टर 93 -ए में सुपरटेक के ट्विन टॉवर को आज दोपहर 2.30 बजे गिरा दिया जाएगा। ट्विन टॉवर जो कि 32 और 29 फ्लोर का है, जिसे ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम विस्फोटकों का प्रयोग किया जा रहा है। सेक्टर-93-ए में बने 103 मीटर ऊंचे एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे सियान टावर को ध्वस्त किया जाएगा.

ट्विन टॉवर को गिराने के लिए काफी ज्यादा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा कारणों से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सभी सोसायटी के फ्लैट खाली कराए गए हैं. नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों के ध्वस्तीकरण की तैयारी अब पूरी की जा चुकी है। जिसे आज के दिन रविवार को करीब दोपहर 2:30 बजे एक धमाके के साथ 102 मीटर ऊंची यह बिल्डिंग मलबे के डेर में बदल जाएगी। इसके लिए ध्वस्तीकरण करने वाली कंपनी और स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं।

बिल्डिंग को गिराने वाले एडफिस इंजीनियरिंग के ने जानकारी देते हुए बताया है कि, इसे वाटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक से सुरक्षित तरीके से गिराया जाएगा। जो कि नोएडा के सेक्टर 93 A में यह 32 मंजिला ट्विन टावर बना हुआ है। जिसके बाद वह एकाएक मिट्टी में मिल जाएगी। दरअसल, 2010 में RWA ट्विन टावर को लेकर कोर्ट गए मानकों के अनुसार दोनों टावर के बीच 16 मीटर दूरी होनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने अनदेखा कर टावर में 9 मीटर दूरी पर बना दिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगस्त 2021 में दोनों टावर को गिराने का आदेश दे दिया।

वहीं चिकित्सकों के अनुसार टावर जब गिरेगा उस दौरान धूल का बहुत बडा गुबार उठेगा जिसके चलते वहां रहने वाले लोग बीमार होंगे और साथ ही आंखों में जलन, खुजली होने की समस्या होंगी। अस्थना के मरीजों की बात की जाए तो सांस लेने में मरीजों को धूल परेशान कर सकती है और सिर दर्द, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, स्किन रेशेसनाक बहना, गले में दिक्कत, कफ की समस्या अस्थमा के अटैक, ब्लड प्रेशर बढ़ जाने जैसी समस्यों को सामना करना पड़ेगा। बात की जाए प्रेग्नेंट महिलाओं की तो उन्हें जल्दी लेवर पेन प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा एलर्जिक सायनुसाइटिस जैसे रोग होने की संमभावनाएं पैदा हो सकती है।

 

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