दिल्ली :-के निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के दिशा-निर्देश का खुले आम उल्लंघन कर रहे हैं। एमएचआरडी ने ऑनलाइन कक्षाओं अवधि कम करने पर दिया है।
इसके संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए एक सप्ताह से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन राजधानी के ज्यादातर निजी स्कूल एमएचआरडी के दिशा-निर्देशों से या तो बेखबर हैं या मनमानी पर उतारू हैं।एमएचआरडी ने देशभर के सभी स्कूलों को कक्षा नौवीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए एक दिन में अधिकतम चार कक्षाएं रखने को कहा है,लेकिन निजी स्कूल पांच से छह कक्षाएं ले रहे हैं।
द्वारका सेक्टर 12 स्थित एक निजी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की मां लक्ष्मी के मुताबिक स्कूल की तरफ से रोजाना 45- 45 मिनट की चार ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं।
वहीं, रोहिणी स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 12वीं की छात्रा ने बताया कि रोजाना सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर के दो बजे तक रोजाना 40-40 मिनट की छह कक्षाएं लगती हैं जिसमें हर कक्षा के बीच में 20 मिनट का ब्रेक होता है। रविवार को भी कई बार स्कूल की तरफ से वर्कशॉप आयोजित किया जाता हैं। वहीं, द्वारका सेक्टर 18 स्थित एक निजी स्कूल में कक्षा 12वीं के छात्र के अभिभावक के मुताबिक स्कूल द्वारा रोजाना सुबह साढ़े आठ से लेकर दोपहर एक बजे तक 40-40 मिनट की पांच ऑनलाइन कक्षाएं लगती हैं।
पूर्वी दिल्ली स्थित एक निजी स्कूल के कक्षा नौवीं के छात्र की मां चंचल के मुताबिक स्कूल द्वारा रोजाना 40-40 मिनट की चार ऑनलाइन व दो ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। हर कक्षा में तीन से चार वर्कशीट भी दी जाती है।
ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में एमएचआरडी के दिशा-निर्देश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक प्री-प्राइमरी के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं से बचा जाना चाहिए और एक दिन में अधिकतम 30 मिनट से ज्यादा की कक्षा नहीं रखी जाए। इसके अलावा कक्षा एक से आठ के लिए एक दिन में दो ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। यह कक्षाएं 30 से 45 मिनट की हो सकती हैं। नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 30-45 मिनट की अवधि की चार कक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।
बिनय भूषण (शिक्षा निदेशक) का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनका सभी स्कूलों को पालन करना होगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तो इनका पालन हो रहा है, लेकिन निजी स्कूलों को भी छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।